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Total Matching Records found : 200

गरीबी से जंग के भोथरे हथियार- रीतिका खेड़ा

पिछले दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स में (अमर उजाला में भी, 24 जुलाई) प्रकाशित अपने लेख में सरकार के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और अर्थशास्त्री सिद्धार्थ जॉर्ज ने नकद हस्तांतरण को लेकर कुछ ज्यादा ही सरल और आशावादी विश्लेषण पेश किया। मगर नकद हस्तांतरण की मौजूदा व्यवस्‍था में इतनी त्रुटियां है, जिन्हें दूर किए बगैर खाद्य हस्तांतरण को नकद व्यवस्‍था में बदलने का सपना देखना बड़ी भूल होगी। जबकि 'जेएएम' (जैम-जनधन, आधार,...

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बाज आएं जातिवाद की सियासत से- संजय गुप्त

जातिगत जनगणना के आंकड़ों की आड़ में हो रही राजनीति के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री ने यह स्पष्ट करके अच्छा किया कि राज्यों को ये आंकड़े पहले ही भेजे जा चुके हैं और वे जातियों-उपजातियों, गोत्रों आदि के असमंजस को दूर कर दें तो फिर तर्कसंगत वर्गीकरण का काम शुरू हो। यह काम 'नीति आयोग" की एक समिति करेगी और फिर जातिवार आंकड़ों को देश के सामने लाया जाएगा। 2011 की जनगणना...

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कहां है सुधारों की अगली खेप-- रामचंद्र गुहा

सन 2009 के आम चुनाव के ठीक बाद मैंने बेंगलुरु में एक भाषण सुना, जो नई सरकार के लिए नीतियों के नए रोडमैप पर था। वक्ता थे राकेश मोहन, जो उद्योग व वित्त मंत्रालय में वरिष्ठ पदों पर रह चुके थे और उस वक्त रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर थे। राकेश मोहन का कहना था कि आर्थिक सुधारों की पहली लहर ने व्यापार को सरकारी नियंत्रण से बाहर निकाला और...

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साक्षर भारत कार्यक्रम अब सिर्फ अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं- मदन जैड़ा

स्कूल नहीं जा पाने वाले किशोरों और पढ़ाई की उम्र पार कर चुके अन्य लोगों को साक्षर बनाने के लिए शुरू किए गए साक्षर भारत कार्यक्रम का रूप बदल गया है। अब यह सिर्फ अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि एक व्यापक शिक्षा कार्यक्रम में तब्दील हो चुका है। इस कार्यक्रम में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी साक्षरता, विधिक साक्षरता, डिजिटल साक्षरता के बाद अब वित्तीय साक्षरता का विषय भी...

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उपलब्धियों से अधिक चुनौती -- अजय बोस

केंद्र की सत्ता में एक साल पूरे होने के अवसर पर भाजपा चाहे कितना भी जश्न क्यों न मनाए, वास्तविकता यह है कि उसकी परेशानी छिपाए नहीं छिप रही। अब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि कॉरपोरेट हितैषी की रही है। लेकिन प्रधानमंत्री बनने के बाद से उनकी यह छवि कमोबेश खंडित होती दिखाई देती है। पिछले दिनों खत्म हुए बजट सत्र में उनकी कोशिशों के बावजूद ऐसा कुछ नहीं हुआ,...

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