दो रुपए किलो गेहूं की योजना से वंचित रह जाएंगे लाखों परिवार केस 1 जगतपुरा के कठपुतली नगर में रहने वाली मंजू भाट के पति की दुर्घटना के बाद मृत्यु हो गई थी। उसके 4 लड़कियां और एक लड़का है। कटपुतली बनाकर बेचने से मात्र 1200-1300 रुपए की आय होती है। कई बार एक वक्त की रोटी का इंतजाम भी नहीं हो पाता। सर्दियों में भी बच्चों के लिए कपड़े नहीं...
More »SEARCH RESULT
गरीब के गेहूं में कटौती
अलवर & राज्य सरकार की नई नीति के अनुसार गरीबों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले गेहूं की मात्रा में कटौती कर दी गई है। अब प्रत्येक बीपीएल परिवार को पहले की अपेक्षा पांच किलो व पूर्व के अंत्योदय चयनित परिवार को दस किलो गेहूं कम मिलेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत यह नई व्यवस्था 10 मई से लागू हो रही है। हालांकि नई व्यवस्था से बीपीएल परिवारों को पहले की अपेक्षा...
More »कहीं विलुप्त ना हो जाए आदिवासी संस्कृति
नई दिल्ली। अरविंद जयतिलक संयुक्त राष्ट्र संघ की द स्टेट आफ द वर्ल्ड्स इंडीजीनस पीपुल्स नामक रिपोर्ट में कहा गया है कि मूलवंशी और आदिम जनजातिया पूरे विश्व में अपनी संपदा, संसाधन और जमीन से वंचित व विस्थापित होकर विलुप्त होने के कगार पर हैं। रिपोर्ट में भारत के झारखंड राज्य की चर्चा करते हुए कहा गया है कि यहा चल रहे खनन कार्य के कारण विस्थापित हुए संथाल जनजाति के हजारों परिवारों को आज...
More »हिरासत में हुई मौत तो अधिकारी पहुंचेंगे जेल
लखनऊ। उप्र में पुलिस हिरासत में बढ़ती मौतों से चिंतित मुख्यमंत्री मायावती ने दो टूक शब्दों घोषणा कर दी कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होने पर संबंधित अधिकारी को सीधे जेल भेज दिया जाए। मुख्यमंत्री राज्य की कानून व्यवस्था और पुलिसकर्मियों के व्यवहार से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने पुलिसकर्मियों को अपने व्यवहार में परिवर्तन लाकर जनता का भरोसा जीतने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने माफिया और पेशेवर अपराधियों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई करने का भी आदेश...
More »फिर कैसे बना प्रदेश बीमारू राज्य
भोपाल। मप्र को बीमारू राज्य कहने वालों को इस विषय पर दोबारा सोचने की जरूरत है। कारण प्रदेश में हर साल बढ़ते करोड़पति व्यापारियों के अलावा नेताओं, अफसरों और उद्योगपतियों के यहां से मिल रही करोड़ों की अनुपातहीन संपति को देखकर नहीं लगता कि प्रदेश बीमारू राज्य है। आयकर विभाग के छापों ने प्रदेश के कई लोगों की पोल खोल दी है। पिछले तीन साल में ही आयकर छापों में करीब छह सौ करोड़...
More »