महीनों की बातचीत के बाद राष्ट्रीय सलाहकार परिषद ने एक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा बिल की सिफारिश कर दी है। यह बिल मुख्य अनाज के लिए आम लोगों के कानूनी अधिकार को पहले सोचे गए स्तर से भी नीचे ला देता है। और इस तरह परिषद ने भूख समाप्त करने के लिए सर्वजनीन सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से संगठित प्रयास शुरू करने का ऎतिहासिक अवसर खो दिया है। भारत में अनाज...
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आदिवासी सहकारी समितियों की बदलेगी सूरत
नई दिल्ली [जयप्रकाश रंजन]। अगर सरकार की मंशा सफल हो गई तो किसानों व ग्रामीण इलाकों में कर्ज देने वाली प्राथमिक कृषि कर्ज समितियां और आदिवासी सहकारी समितियां शीघ्र ही मजबूत संस्थानों के तौर पर काम करने लगेंगी। केंद्र सरकार इन समितियों को सीमित आधार वाले मजबूत वित्तीय संस्थानों में तब्दील करने पर विचार कर रही है, ताकि दूर-दराज के इलाकों व बेहद पिछड़े वर्ग में तेजी से बैंकिंग सेवा...
More »गहलोत ने प्रधानमंत्री को भेजा पत्र
जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजकर महानरेगा श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने की मांग की है। गहलोत इससे पहले यही आग्रह केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री से भी कर चुके हैं। गहलोत ने यह पत्र ऎसे वक्त लिखा है जब राज्य में नरेगा श्रमिक मजदूरी बढ़ाने की मांग को लेकर पिछले एक माह से आंदोलन चलाए हुए हैं। इस आंदोलन से जुडे़ सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे का...
More »एक लाख गांव अभी भी बिजली से वंचित
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अब लगभग यह तय होता जा रहा है कि बिजली क्षेत्र की एक और महत्वाकांक्षी योजना अपने लक्ष्य से काफी दूर रहने वाली है। देश के सभी गांवों तक वर्ष 2012 तक बिजली पहुंचाने की राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना साढ़े तीन वर्ष बाद आधा रास्ता भी तय नहीं कर पाई है। बिजली मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने बताया कि अभी तक 84 हजार गांवों...
More »रोटी की बहस और बहस की जमीन- चंदन श्रीवास्तव
सलाह मिल गयी है. खाद्य-सुरक्षा विधेयक का मसौदा अपनी परिणति तक आ पहुंचा है. लोग जान गये हैं कि यूपीए सरकार ना सही सबको तो भी कम-से-कम 80 फ़ीसदी लोगों को सस्ता अनाज देने जा रही है. लोग खुश हैं या नहीं, कहा नहीं जा सकता. भोजपुरी में एक कहावत है-ये सूरदास घीव कड़कड़ाईल बा और सूरदास का जवाब कि थरिया में पड़ो तब नू. खाद्य-सुरक्षा के मामले में जनता-जनार्दन...
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