मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया है कि सरकार सोलापुर जिले के धार्मिक स्थल पंढरपुर में 9 जुलाई को आषाढ़ी एकादशी के उपलक्ष्य में 4500 से ज्यादा शौचालयों का निर्माण करेगी, ताकि तीर्थयात्रियों को खुले में शौच न करना पड़े। इस त्योहार में यहां लाखों की संख्या में तीर्थयात्री जुटते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट खुले में किए जाने वाले शौच के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई...
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कालेधन पर अध्ययनः गोल माल है भाई सब गोलमाल...
नयी दिल्ली: पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा शुरु कराया गया अध्ययन तीन सालों के बाद भी बेनतीजा निकला. सरकार अबतक काले धन को लेकर कोई विशेष कदम नहीं उठा पायी है. पिछली सरकार ने 21 मार्च 2011 को यह अध्ययन शुरु कराया था और इसके लिए 18 महीने का समय दिया था जो 21 सितबर 2012 को पूरा हो गया था. यह अध्ययन नैशनल इंस्टीच्यूट ऑफ पब्लिक फाइनांस एंड पालिसी (एनआईपीएफपी), नैशनल...
More »स्त्री सशक्तीकरण की शर्तें- विकास नारायण राय
जनसत्ता 16 जून, 2014 : बलात्कार और हत्या पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में पहुंचने वाले राजनीतिकों को उपेक्षा से नहीं लेना चाहिए। न इस जमात के दूर से ऊलजलूल अर्द्ध-सत्य बोलने वालों को। दरअसल, इन सतही कवायदों में स्त्री-सशक्तीकरण के पैरोकारों के लिए एक निहित संदेश है- स्त्री-विरुद्ध हिंसा के मसलों पर समग्र राजनीतिक एजेंडे की सख्त जरूरत है। मीडिया, एनजीओ और कानून...
More »समग्र स्वास्थ्य नीति के आधार- रितुप्रिया
जनसत्ता 17 जून, 2014 : दुनिया भर में स्वास्थ्य सेवाओं का संकट गहरा रहा है। पिछले डेढ़ सौ सालों में बनीं यूरोप और उत्तरी अमेरिका की सेवाएं उनके लिए भी अत्यधिक महंगी और एकांगी साबित हो रही हैं। मकिंजी कंपनी ने अनुमान लगाया था कि अगर स्वास्थ्य-सेवाओं पर खर्च ऐसे ही बढ़ता रहा तो 2100 में अमेरिका को अपनी सकल आय का सत्तानबे फीसद और यूरोप को साठ फीसद स्वास्थ्य...
More »ज़मीन आदिवासियों की, क़ब्ज़ा किसी और का!- आलोक प्रकाश पुतुल
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के मीलूपारा की जानकी के लिए अपनी ज़मीन से पूरे 14 साल दूर रहना किसी वनवास से कम नहीं था. 14 साल तक तहसीलदार से लेकर हाईकोर्ट तक चली लड़ाई के बाद अब कहीं जा कर उनकी चार एकड़ ज़मीन वापस करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. हल्का पटवारी द्वारा अदालत में प्रस्तुत अपने 5 जनवरी 2012 के जांच रिपोर्ट में बताया गया कि जानकी बाई की ज़मीन...
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