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गरीबी का एक फसाना आईएलओ के हवाले से

कहते हैं हकीकत कल्पना से कहीं ज्यादा हैरतअंगेज होती है। ऐसी ही हैरतअंगेज हकीकत है कि भारत में बीते बीस सालों में तेज आर्थिक-वृद्धि हुई है लेकिन गरीब कामगारों की तादाद में कोई खास कमी नहीं आई है। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन(आईएलओ) के एक हालिया रिपोर्ट (इकॉनॉमिक क्लास एंड लेबर मार्केट इन्क्लूजन: पुअर एंड मिडिल क्लास वर्कर्स इन डेवलपिंग एशिया एंड द पैसेफिक) में कहा गया है कि भारत सहित पूरे दक्षिण एशिया में ज्यादातर (91 फीसदी) कामगार “एकदम गरीब”...

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यौन हिंसा की जड़ें- रुचिरा गुप्ता

जनसत्ता 4 सितंबर, 2013 : कुछ दिन पहले जब मैंने मुंबई में एक तेईस वर्षीय फोटो पत्रकार के साथ बलात्कार की घटना के बारे में पढ़ा, तो कुछ पुरानी घटनाएं सामने घूमने लगीं। यानी फिर से वही सब! करीब उनतीस साल की उम्र में छह दिसंबर, 1992 को जब मैं एक रिपोर्टर की हैसियत से उत्तर प्रदेश में बाबरी मस्जिद विध्वंस की घटना की खबर जुटा रही थी तो मुझ...

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बिहार में बाढ़ ने लिया विकराल रूप, खगडि़या में जीएन तटबंध टूटा

खगडि़या : परबत्ता प्रखंड के लगार पंचायत, उदयपुर ढाला स्थित जीएन तटबंध टूट गया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते सोमवार की मध्य रात्रि को पानी के बढ़ते दबाव के कारण जीएन तटबंध टूट गया. उदयपुर एनएच से चकप्रयाग तक रिंग बांध पिछले सप्ताह टूट जाने के कारण जीएन तटबंध पर दबाव बढ़ गया था. तटबंध पर बढ़ते दबाव को देख स्थानीय ग्रामीणों एवं प्रशासन की मदद से तटबंध को बचाने...

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अब तो पिंजरे में पलेंगी मछलियां!

रायपर: अब 'पिंजरे में पलेंगी मछलियां'। जी हां, यह सुनने में थोड़ा सा अजीब लगता है पर यह सच है। मछली पालन की इस आधुनिक तकनीक को केज (पिंजरा) कल्चर कहा जाता है। कोरिया जिले के मुख्यालय बैकुण्ठपुर स्थित झुमका जलाशय में मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से केज कल्चर की स्थापना की गयी है। केज कल्चर में पिंजरानुमा संरचना में मछली पालन का कार्य किया जाता है। इसमें...

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यह गरीबी खत्म करने की रेखा नहीं- मिहिर शाह(योजना आयोग के सदस्य)

 गरीबी के बारे में योजना आयोग के नवीनतम आकलन पर बड़ी चीख-पुकार मची। यह हाय-तौबा जितनी तेज थी, समझ और विवेक उसी अनुपात में कम। सबसे निंदनीय थे वे राजनेता, जिन्होंने आम आदमी को चोट पहुंचाने वाली बातें कहीं। जरूरी यह है कि हम ये समझने का प्रयास करें कि सुरेश तेंदुलकर की गरीबी रेखा वास्तव में क्या बताती है? सुरेश तेंदुलकर देश के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक थे। उन्हीं...

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