देश की प्राथमिक शिक्षा में सुधार हो, सरकारें इस मुद्दे पर दशकों से विचार कर रही हैं। लेकिन यह सुधार कैसे होगा, इस पर कभी ईमानदारी से नहीं सोचा गया। यही वजह है कि आजादी के अड़सठ साल बीत जाने के बाद भी सरकारी नियंत्रण वाले प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में न तो शिक्षा का स्तर सुधर पा रहा है और न ही इनमें विद्यार्थियों को बुनियादी सुविधाएं मिल पा...
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वक़्त की नब्ज़ : विकास की अहमियत---- तवलीन सिंह
मुझे विश्वास है कि भारत की हर समस्या का समाधान है विकास। सो, जब प्रधानमंत्री ने इस बात को बिहार में बार-बार कहा पिछले हफ्ते अपनी आम सभाओं में तो मुझे खुशी हुई। पहले भी कह चुके हैं कई दफा नरेंद्र मोदी कि जब तक पूर्वी छोर के राज्य पश्चिमी छोर के राज्यों के बराबर नहीं पहुंचते हैं विकास की दौड़ में, तब तक भारत की गाड़ी आगे तेजी से...
More »कुंवारों से ज्यादा शादीशुदा लोग करते हैं आत्महत्या!
इंदौर : आधुनिक भारतीय समाज की जीवनशैली ऐसी हो गयी है कि लोग दबाव में अपना जीवन जीते हैं, परिणाम यह हो रहा है कि खुदकुशी के मामले दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. इसमें सर्वाधिक चौंकाने वाली बात यह है कि कुंवारों की तुलना में शादीशुदा लोग ज्यादा आत्महत्या करते हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2014 में अपने जीवन का खुद अंत करने वालों...
More »गांधी का स्वराज और युवाओं की उम्मीदें- रामचंद्र राही
आज जब हम स्वतंत्रता दिवस का जश्न मना रहे हैं, तो स्वाभाविक है कि एक लोकतांत्रिक देश के सजग नागरिक होने के नाते हम यह पड़ताल करें कि देश की आजादी के महानायकों ने हमारे लिए जो स्वप्न देखे थे, वे कितने पूरे हुए। और यदि पूरे नहीं हुए हैं, तो आखिर हमसे गलतियां कहां हुई हैं? ऐसे में हमें सहज ही राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का ध्यान आता है, जिन्होंने आजादी...
More »तकनीकी शिक्षा की विसंगतियां- नीलांजन मुखोपाध्याय
विगत पांच अगस्त को लोकसभा में जवाब देते हुए मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी ने बताया कि 2012 से 2015 के दौरान, कुल तीन वर्षों में सोलह आईआईटी के 2,060 छात्रों ने पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। इसी दौरान कुल तीस एनआईटी से 2,352 छात्र अधबीच में निकल गए। केंद्रीय मंत्री के अनुसार, दूसरे कॉलेजों में दाखिला मिलने, व्यक्तिगत वजहों से, चिकित्सा कारणों से, पढ़ाई के दौरान नौकरी मिल...
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