हैदराबाद से एक घंटे की दूरी पर बसे गाँव हाजीपल्ली में एक बूढी महिला बीबीसी की टीम को देखते ही रो पड़ती है. उसे पता है की हम उसके बेटे की मौत के कारण के बारे में जानकारी लेने आये हैं. बेटे ने डेढ़ साल पहले कर्जों के कारण आत्म हत्या कर ली थी. लेकिन इस महिला का ग़म अब भी ताज़ा है. बेटे ने अपने परिवार की ज़िन्दगी बनाने के लिए एक...
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हथियारों के ‘जखीरे’ पर खडी है दुनिया
नई दिल्ली : अफ्रीका से लेकर एशिया तक हर तरफ मची हिंसा में छोटे हथियारों का अत्यधिक इस्तेमाल हो रहा है और विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि राजनीतिक अस्थिरता तथा कानून व्यवस्था की स्थिति को सुधारा नहीं गया तो आने वाले समय में स्थिति और विकट हो जायेगी. - विश्व में 87 करोड़ 50 लाख छोटे हथियार दुनियाभर में कितने छोटे हथियार हैं इसका कोई ठीक ठीक आंकडा नहीं है लेकिन संयुक्त राष्ट्र...
More »कितना सुधार पाएंगे मनमोहन- परंजय गुहा ठाकुरता
देश के एक बड़े तबके, खासकर उद्योग जगत, को यह लगने लगा है कि मनमोहन सिंह द्वारा वित्त मंत्रालय का प्रभार संभालने के बाद आर्थिक सुधारों की गति में तेजी आएगी। अटके हुए अनेक प्रस्तावों को हरी झंडी मिल जाएगी। कहा यह भी जा रहा है कि मनमोहन सिंह ही भारतीय अर्थव्यवस्था के तारणहार साबित होंगे। पर यह बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। अर्थव्यवस्था और राजनीति से जुड़े सारे नीतिगत फैसले...
More »9 फीसदी विकास दर मुश्किलः मोंटेक
योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहुलवालिया ने केंद्र सरकार के पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के सुर में सुर मिलाते हुए कहा है कि भारत की विकास दर आने वाले 5 सालों में 8 से 8.5 फीसदी के बीच ही रहेगी। मोंटेक सिंह अहलुवालिया का कहना है कि विश्व के मौजूदा आर्थिक हालात को देखते हुए 9 प्रतिशत की विकास दर अर्जित करना अगले 5 सालों तक संभव नहीं...
More »शहरीकरण खा गया छह हजार हेक्टेयर लहलहाती जमीन
जालंधर. जितनी तेजी से खेती की जमीन में कालोनियां काटी जा रही हैं, उनमें उतनी तेजी से घर नहीं बन रहे। वजह, लोग रहने के लिए नहीं, बल्कि निवेश के लिए प्लाट खरीद रहे हैं। ऐसे में खेती की जमीन लगातार कम हो रही है। पिछले सात वर्षो में जालंधर में शहरीकरण के नीचे का रकबा 24 फीसदी बढ़ गया है। लगातार कम हो रही खेती की जमीन को लेकर खेतीबाड़ी...
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