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असम में बार-बार भड़कती हिंसा का समाधान क्या है- विनोद रिंगानिया

असम में दो साल पहले बोडो बहुल इलाकों में हुई हिंसा में सौ से ज्यादा लोगों की जान गई थी। इस साल फिर वहां हिंसा भड़क उठी है। पिछली बार की हिंसा की जांच सीबीआई को सौंपी गई थी। उसने जांच रिपोर्ट सौंपी और दोषियों के खिलाफ मामले दायर किए। मामले अब भी चल रहे हैं, पर उस रिपोर्ट के आधार पर सरकार को जो कदम उठाने चाहिए थे, वे...

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'भ्रष्टाचार केस में नौकरशाहों के खिलाफ जांच से पहले मंजूरी असंवैधानिक'

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज व्यवस्था दी कि भ्रष्टाचार के मामले में संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के अधिकारी के खिलाफ जांच से पहले सक्षम प्राधिकारी से मंजूरी लेने का कानूनी प्रावधान अवैध और असंवैधानिक है। न्यायालय ने कहा कि इसमें भ्रष्ट व्यक्ति को संरक्षण देने की प्रवृत्ति है। प्रधान न्यायाधीश आर एम लोढा की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने दिल्ली स्पेशल पुलिस इस्टेबलिशमेन्ट कानून की धारा 6-ए...

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दलितों के प्रति हमारी सोच का स्तर यह है- सुभाषिनी अली

अंबेडकर जयंती आई और गई। न जाने कितने नेताओं ने बाबा साहब के सपनों को साकार करने के प्रति अपनी निष्ठा की दुहाई दी होगी। भाजपा के नेताओं ने तो देश भर में इस बात का ढिंढोरा पीट दिया कि उन्होंने ही बाबा साहब को भारत रत्न से नवाजा था। बाबा साहब के जन्मदिन के बाद बीते पंद्रह दिनों में इस बात की कम से कम तीन बार याद दिलाई...

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मई दिवस की कहानी

मज़दूरों का त्योहार मई दिवस आठ घण्टे काम के दिन के लिए मज़दूरों के शानदार आन्दोलन से पैदा हुआ। उसके पहले मज़दूर चौदह से लेकर सोलह-अठारह घण्टे तक खटते थे। कई देशों में काम के घण्टों का कोई नियम ही नहीं था। ”सूरज उगने से लेकर रात होने तक” मज़दूर कारख़ानों में काम करते थे। दुनियाभर में अलग-अलग जगह इस माँग को लेकर आन्दोलन होते रहे थे। भारत में भी...

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मीडिया चालित समाज में लोकतंत्र- विपुल मुद्गल

हमने चर्चित कारपोरेट पीआर बॉस नीरा राडिया, मीडिया की नामवर हस्तियों और राजनीति के दिग्गजों की टेलीफोन की बातचीत के लीक हुए टेपों में जो कुछ सुना है वह एक मीडिया-चालित(मीडिया-आइज्ड) राजनीति की सटीक तस्वीर पेश करता है। इस प्रकरण से पता चलता है कि किस तरह से पेशेवर संवादकर्मी (प्रोफेशनल कम्युनिकेटर्स) महत्वपूर्ण नीतियों के मामलों में जनता की समझ को गढते या परिचालित करते हैं। निसंदेह...

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