भोपाल। भोपाल के गैस पीड़ित सात संगठनों ने बुधवार को यहां संयुक्त रूप से मुआवजा देने की मंत्रिसमूह की अनुशंसा को गैस पीड़ितों के साथ विश्वासघात करार दिया और मंत्री समूह की रिपोर्ट की कड़ी भर्त्सना की। उन्होंने भोपाल के सभी गैस पीड़ितों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन के अब्दुल जब्बार, भोपाल गु्रप फार एक्शन के सतीनाथ षडंगी एवं रचना ढींगरा, भोपाल गैस...
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जहर का कारोबार- वंदना शिवा
भोपाल गैस त्रासदी मनुष्य जाति के इतिहास का भयावहतम औद्योगिक हादसा था, लेकिन इसके शिकार हुए लोगों के साथ हुआ अन्याय भी किसी त्रासदी से कम नहीं है। यूनियन कार्बाइड में ‘काराबिल’ नामक कीटनाशक बनाया जाता था, जिसका इस्तेमाल मुख्यत: कपास की खेती में होता है। गैस त्रासदी के बाद ही मैंने निश्चय किया था कि मैं जैविक खेती को बढ़ावा देने की कोशिश करूंगी और यही विचार ‘नवधान्य’ की...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
More »गांठ बांध लिया सादगी का मंत्र
तरनतारन [लुधियाना],[धर्मवीर मल्हार]। आज की नई पीढ़ी से अगर किसी राजनेता की बात की जाए तो उसकेजेहन में क्या छवि उभरेगी। यही ना, साफ-शफ्फाक लंबा कुर्ता-पायजामा, हाथ में ब्लैकबेरी फोन, अगल-बगल में एक दो गनर और नीचे कोई लंबी सी चमचमाती कार। लेकिन इसकेठीक उलट अगर आप तरनतारन जिले के गाव तुड़ की गलियों में पुरानी सी साइकिल पर आते-जाते और हाथ में फावड़ा-कुदाल लिए तरलोचन सिंह तुड़ को देखें तो...
More »एंडरसन को सजा दिलाने के अभियान में जुटा एक लड़का
न्यूयार्क। यूनियन कार्बाइड के पूर्व प्रमुख वारेन एंडरसन को सजा दिलाने के अभियान में अब बच्चे भी आगे आ रहे हैं। इसी श्रंखला में अमेरिका में 12 साल का एक लड़का एंडरसन को सम्मन देने की कोशिश कर रहा है। पार्क एवेन्यू में यूनियन कार्बाइड का प्रतिनिधित्व करने वाली कानूनी फर्म के कार्यालय के सामने खड़े 12 साल के आकाश विश्वनाथ मेहता ने कहा कि हम यहां इसलिए आए हैं,...
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