कायदे से जिस साल भारत में खाद्य सुरक्षा कानून बना है और भोजन के हक पर व्यापक चर्चा हुई, उसमें तो संयुक्त राष्ट्र के संगठन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) द्वारा जारी नये हंगर इनडेक्स की भी खूब चर्चा होनी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं हुआ. कुछेक अखबारों में थोड़ी विस्तृत और बाकी में हल्के-फुल्के ढंग से खबर छप कर बात समाप्त हो गयी. कुछ लोग इस बात से संतुष्ट दिखे कि...
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गांव की सेहत का पहिया है सहिया दीदी
झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अब भी काफी खराब है. गांव में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के कारण ही यहां गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों की असमय मौत हो जाती है. भारत सरकार ने इस समस्या को समझते हुए हर गांव में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात किया है. देश के दूसरे राज्यों में इन्हें आशा कहा जाता है, जबकि झारखंड में इन्हें सहिया...
More »ये मुखिया मैडम भी हैं और सहिया दीदी भी
पूर्वी सिंहभूम के पोटका पंचायत की मुखिया पानो सरदार रोज सुबह सवेरे अपनी साइकिल पर सवार होकर निकल जाती हैं और अपने गांव के घर-घर जाकर लोगों को स्वास्थ्य से जुड़े मसलों पर जागरूक करती हैं और अगर कोई व्यक्ति रोग से पीड़ित नजर आया तो उसे अस्पताल ले जाकर उसका इलाज भी करवाती हैं. उनकी इस यात्र के दौरान गांव के लोग उनसे मिलकर पंचायत से जुड़ी समस्याओं का निराकरण...
More »कुप्रबंध की संस्कृति- हरिवंश
देश, वाचाल वृत्ति, बौद्धिक विलासिता, पर-उपदेश वगैरह की ‘लचर जीवन संस्कृति’ से नहीं चलता. आज के भारत में सरकार, राजनीति से लेकर समाज स्तर पर यही जीवन संस्कृति है. अमर्त्य सेन जिस ‘आर्ग्यूमेंटेटिव इंडिया’ (बहस में डूबे भारत) की बात करते हैं, उसे जमीन पर देखें-समझें तो बात ज्यादा स्पष्ट और साफ होती है. मूलत: हम बातूनी लोग हैं, बिना कर्म बात-बहस करनेवाले. किसी के बारे में कुछ भी टिप्पणी....
More »हर बच्चे का बस एक ही दर्द, अब यहां से कोई नहीं जा पाएगा स्कूल..!- रवीश कुमार झा
पंचकूला. शिक्षा विभाग ने हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त न होने के कारण जिले के 18 प्राइवेट स्कूलों को बंद कर दिया है। शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच के दौरान ये स्कूल बोर्ड की मान्यता के लिए निर्धारित मापदंडों पर खरे नहीं उतरे थे। हालांकि विभाग की जांच में 28 स्कूलों को बोर्ड की मान्यता के अनुकूल नहीं पाया गया था, जिन्हें...
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