इस बार भारत में भूमंडलीकरण की पच्चीसवीं दिवाली मनी। परंपरा निष्ठ मेरी यह बात सुनकर थोड़े दु:खी हो जाएंगे। वे पूछ सकते हैं कि 1991 में शुरू हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के 25 साल जरूर पूरे हो रहे हैं, लेकिन भारतीय परंपरा से पूरी तरह असंबद्ध राजनीतिक-आर्थिक प्रक्रिया को दिवाली से जोड़ने की क्या तुक है? इसके जवाब में कुछ जोखिम उठाकर मैं यह कहना चाहूंगा कि भूमंडलीकरण की प्रक्रिया ने भारतीय...
More »SEARCH RESULT
समस्याओं के शिखर, खाली होते पहाड़- अनिल प्रकाश जोशी
उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने के पीछे सोच यह थी कि यहां की भौगोलिक परिस्थितियां और दुर्गमता विकास के अलग रास्ते की मांग करते हैं। स्थानीय लोगों को यकीन था कि उनके हालात को समझने की क्षमता मैदानी नीतिकारों में नहीं है। केंद्र को झुकना पड़ा और राज्य की मांग पूरी हुई। लेकिन अब पलटकर देखें, तो इन 15 वर्षों में उत्तराखंड को आठ मुख्यमंत्रियों के अलावा शायद ही कोई...
More »संपन्न लोगों से छीनी जा सकती है रसोई गैस सब्सिडी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार आने वाले दिनों में संपन्न उपभोक्ताओं को रसोई गैस सब्सिडी देने से मना कर सकती है। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने इसका संकेत दिया। एक आर्थिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अब यह फैसला करने का समय आ गया है कि एक निश्चित आमदनी से ऊपर के लोगों की सब्सिडी को खत्म कर दिया जाए। दरअसल, कार्यक्रम में मौजूद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने...
More »दाल-चावल खाने से 15 विद्यार्थी बीमार
उमरिया, घुलघुली। करकेली जनपद के ग्राम कंचनपुर माध्यमिक शाला में बुधवार की दोपहर का भोजन करने के बाद 15 बच्चे बीमार हो गए। इन्हें घुलघुली स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार के लिए दाखिल कराया गया है। बीमार बच्चों में सीता साहू कक्षा 8, ममता साबी कक्षा 7, फरहीन खान कक्षा 7, मिथला साहू कक्षा 8, शाहस्त खान कक्षा 7, मधु साहू कक्षा 7, सूरज साहू कक्षा 7, ओम प्रकाश कक्षा 6,...
More »समझा दर्द, मर्ज के उपचार को पहुंचे घर
नैनोहेल्थ की 'डॉक-इन-ए-बैग' तकनीक वैसे तो रिवाज है कि मरीज उपचार के लिए डॉक्टर के पास या अस्पताल पहुंचे, लेकिन हैदराबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के कुछ छात्रों ने 'नैनोहेल्थ' के नाम से एक ऐसे सोशल एंटरप्राइज की स्थापना की है, जिसके तहत 'डॉक-इन-ए-बैग' किट के साथ स्वास्थ्य कार्यकर्ता डॉक्टरी परामर्श व दवाइयों के साथ घर-घर इलाज मुहैया करा रहे हैं. तो आइए जानें, यह...
More »