तमाम सरकारी दावों के बावजूद हर साल डेंगू से प्रभावित होने वाले लोगों का आंकड़ा पिछले साल की अपेक्षा बढ़ता जा रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि आधिकारिक आंकड़े वास्तविक आंकड़ों की तुलना में काफी कम होते हैं, क्योंकि इनमें सिर्फ वही मामले गिने जाते हैं, जिसमें मरीज इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पतालों में जाते हैं, और जिनकी पुष्टि सरकारी प्रयोगशालाओं द्वारा होती है। डेंगू मच्छरों द्वारा...
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भुखमरी : भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश से पीछे
भुखमरी दूर करने के मामले में भारत अपने पड़ोसी देशों से भी पीछे है और बीते दो दशकों में भुखमरी से लड़ाई के मोर्चे पर आगे बढ़ने के बावजूद इस दिशा में बहुत कुछ किया जाना शेष है। विश्व खाद्य दिवस(16 अक्तूबर) से दो दिन पहले प्रकाशित ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2013 नामक रिपोर्ट(देखें नीचे दी गई लिंक)में भोजन की कमी से जूझ रही भारतीय आबादी के बारे में कई महत्वपूर्ण...
More »अमीर देशों में बेकार घूम रहे हैं युवा, विकसित देशों में 1.7 करोड़ बेरोजगार
लंदन। आर्थिक मंदी के कारण विकसित देशों में बेरोजगारी के हालात लगातार बदतर होते जा रहे हैं। पेरिस स्थित आर्थिक थिंक टैंक ओईसीडी के मुताबिक विकसित देशों में करीब 1.7 करोड़ लोगों को पिछले एक साल से कोई काम नहीं मिला है। ऑर्गेनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कोऑपरेशन एंड डेवलेपमेंट (ओईसीडी) ने अप्रैल-जून तिमाही के आंकड़ों के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में अमेरिका और स्पेन सहित कुल 33...
More »भूख के खिलाफ जंग में अब भी पीछे भारत- अरविन्द मोहन
कायदे से जिस साल भारत में खाद्य सुरक्षा कानून बना है और भोजन के हक पर व्यापक चर्चा हुई, उसमें तो संयुक्त राष्ट्र के संगठन फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन (एफएओ) द्वारा जारी नये हंगर इनडेक्स की भी खूब चर्चा होनी चाहिए थी, पर ऐसा नहीं हुआ. कुछेक अखबारों में थोड़ी विस्तृत और बाकी में हल्के-फुल्के ढंग से खबर छप कर बात समाप्त हो गयी. कुछ लोग इस बात से संतुष्ट दिखे कि...
More »गांव की सेहत का पहिया है सहिया दीदी
झारखंड जैसे पिछड़े राज्य के गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति अब भी काफी खराब है. गांव में समय पर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिलने के कारण ही यहां गर्भवती महिलाओं व नवजात बच्चों की असमय मौत हो जाती है. भारत सरकार ने इस समस्या को समझते हुए हर गांव में महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता तैनात किया है. देश के दूसरे राज्यों में इन्हें आशा कहा जाता है, जबकि झारखंड में इन्हें सहिया...
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