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जल संरक्षण और संवर्धन में 50 लाख को रोजगार

भोपाल। ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार देने के लिए प्रदेश में चलाई जा रही रोजगार गारंटी स्कीम के तहत एक लाख 15 हजार से अधिक के जल संरक्षण और संवर्धन के कार्य किए गए है। इसमें 50 लाख से अधिक परिवारों को रोजगार मिला है। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने बताया कि रोजगार गारंटी स्कीम के तहत ग्रामीणों को उपलब्ध कराए जा रहे रोजगार कार्यो से पिछले तीन वर्षो में पूरे प्रदेश...

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नरेगा के कारण श्रमिकों के पलायन में कमी आई

नई दिल्ली। राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना [नरेगा] की वजह से गांवों से श्रमिकों के पलायन में कमी आने का दावा करते हुए सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में इस योजना के तहत रोजगार प्राप्त करने वाले आदिवासियों के प्रतिशत में आई गिरावट इस योजना का दायरा बढ़ने की वजह से नजर आ रही है। ग्रामीण विकास मंत्री सी. पी. जोशी ने माकपा की वृंदा करात के पूरक प्रश्न के उत्तर में...

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मणिपुर में मीडिया पर किसका दबाव

कोहिमा [एशिया डिफेंस न्यूज़ इंटरनेशनल]। मणिपुर में एक उम्मीद सी सुबह, अचानक मुझे पत्रकारों के परिचित भय ने घेर लिया। क्या मैं इतनी दूर [माओ गेट से इंफाल तक के नाम भर के राजमार्ग-39 पर यात्रा करके], एक कहानी की [दबाव झेलते उग्रवादी] तलाश में आया हूं? एक स्थानीय समाचारपत्र में 'आरपीएफ द्वारा पुलिस/सेना के दोहरेपन की भ‌र्त्सना' शीर्षक से छपी एक खबर ने सारी बात कह डाली है। लगता है कि मणिपुर में प्रकाशन...

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नरेगा में रोजगार नहीं तो भत्ता, लेकिन जानते नहीं

सीकर. राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना में यदि पात्र को रोजगार नहीं मिल पाता है, तो वह बेरोजगारी भत्ते का हकदार है। सरकार ने यह सुविधा मुहैया तो करा दी, लेकिन इसका फायदा उठाने वाला एक भी नहीं है। जिला परिषद में अब तक बेरोजगारी भत्ते के लिए किसी ने आवेदन नहीं कर रखा है। उल्लेखनीय है कि महानरेगा योजना में आवेदक को तय सीमा में रोजगार नहीं दिए जाने की स्थिति में पात्र व्यक्ति...

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जंगल से कटकर सूख गये मालधारी- शिरीष खरे

एशियाई शेरों के सुरक्षित घर कहे जाने वाले गिर अभयारण्य में बरसों पहले मालधारियों का भी घर था. ‘माल’ यानी संपति यानी पशुधन और ‘धारी’ का मतलब ‘संभालने वाले’. इस तरह पशुओं को संभाल कर, पाल कर मालधारी अपनी आजीविका चलाते थे. एक दिन पता चला कि अब इस इलाके में केवल शेर रहेंगे. फिर धीरे-धीरे मालधारियों को उनकी जड़ों से उखाड़कर फेंकने का सिलसिला शुरु हुआ. जंगल में मालधारी आज की...

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