गुड़गांव. मारुति सुजूकी कंपनी प्रबंधन द्वारा मानेसर प्लांट के 546 श्रमिकों को निकाले जाने की घोषणा से श्रमिक वर्ग में हड़कंप मच गया है। निकाले गए श्रमिकों के लिए जीने-मरने का सवाल खड़ा हो गया है। कई श्रमिकों ने आत्महत्या के लिए मजबूर होने की बात की है। कंपनी के इस फैसले के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने शुक्रवार को शहर में रैली निकालने की तैयारी की है। कंपनी में बीते सात...
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यह नया कितना पुराना- कुमार प्रशांत
जनसत्ता 14 अगस्त, 2012: देश को नए मंत्री मिल गए हैं। देश की गहरी समस्याओं के जनक रहे पुराने लोग नई पोशाकों में आ खड़े हुए हैं। देखते हैं तो उनके हाथों में तलवारें भी वही बाबाआदम के जमाने की हैं- कागजी! सारे देश में सूखा पड़ा है और अभी अचानक बिजली चले जाने का नया रोग भी गहरा अंधेरा बनाने लगा है। इसे अगर एक प्रतीक से जोड़ कर...
More »आरटीआई कानून की उड़ रही धज्जियां, नहीं मिलती सूचनाएं
जींद. सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 अब लोगों को सूचना नहीं दिला पा रहा है। आए दिन किसी ना किसी विभाग से सूचना नहीं मिलने की शिकायतें आला अफसरों के पास पहुंच रही हैं, लेकिन कार्रवाई तब भी नहीं होती। एक साल से भी ज्यादा समय तक विभागों के चक्कर काटने के बाद लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि वे शिकायत करें तो किससे? केस-1 छह माह से नहीं मिली सूचना सफीदों के वार्ड...
More »किसान बोले-पुलिस ही दोषी, पुलिसवालों ने कहा-हमें पीटा
रेवाड़ी.‘हम अपनी जमीन किसी भी कीमत पर नहीं देना चाहते और इसलिए हम शांतिपूर्ण तरीके से अपना धरना दे रहे थे। पुलिस ने बर्बरता के साथ हम सभी पर लाठीचार्ज किया। हमारी अभी तक कोई सुनवाई नहीं की गई है।’ ‘पहले हमने लाठीचार्ज नहीं किया बल्कि किसानों की ओर से मारपीट शुरू की गई। स्थिति को काबू में करने के लिए ही कार्रवाई की गई।’ यह बयान थे दोनों पक्ष थे...
More »मुखियाओं ने डाला शहरों में डेरा- संजय पांडेय-अनिल तिवारी
माओवाद के खौफ के कारण राज्य की कई पंचायतों में विचित्र स्थिति पैदा हो गयी है. नक्सल प्रभावित इलाकों के मुखिया ही पंचायत में रात गुजारने के लिए तैयार नहीं है. पश्चिम सिंहभूम के कई मुखिया ने चुनाव जीतने के बाद प्रखंड मुख्यालय में किराये पर घर ले लिया है. वे अब दिन के वक्त किसी योजना के क्रियान्वयन के दौरान ही अपनी पंचायत की तरफ जाते हैं. मुखिया की हत्या से खौफजदा पंचायती...
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