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लॉकडाउन से रोजगार खतरे में!

अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी (APU) के विभाग ‘सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट’ द्वारा जारी अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से संकेत मिलता है कि लॉकडाउन का कामकाजी लोगों की आजीविका पर बहुत बुरे प्रभाव पड़े हैं. हाल ही में सेंटर फॉर सस्टेनेबल एंप्लॉयमेंट ने सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ मिलकर देश भर में यह सर्वेक्षण किया जा रहा है. आजीविका पर प्रभाव 13 अप्रैल, 2020 और 9 मई, 2020 के बीच टेलीफोनिक साक्षात्कार के माध्यम...

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कोरोना के दौर में किसने की ताबड़तोड़ कमाई, किसे हुआ नुक़सान?

-बीबीसी, कोरोना वायरस महामारी की वजह से पूरी दुनिया में उद्योग-धंधे चौपट हो चुके हैं. टेक्नॉलजी कंपनियों की भी स्थिति कोई बेहतर नहीं है लेकिन कुछ ऐसी कंपनियां भी हैं जो लॉकडाउन के दौरान भी मुनाफ़ा कमाने में कामयाब रही हैं. जैसे कि: सॉफ्टवेयर कंपनियां लॉकडाउन शुरू होते ही जब आपको यह कहा गया कि अब घर से काम करना होगा तो आपने तुरंत उसके लिए अपनी तकनीकी तैयारियां शुरू कर दी होंगी....

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गैर सरकारी संगठनों द्वारा जारी रिपोर्ट: कोविड-19 लॉकडाउन ने ग्रामीण जनजीवन को किया बुरी तरह प्रभावित!

-विकासनवेश फाउंडेशन, सम्बोधी, प्रोफेशनल अस्सिटेंस फॉर डेवल्पमैंट एक्शन (PRADAN), BAIF डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन (BAIF), एक्शन फॉर सोशल एडवांसमेंट (ASA), SATHI-UP, आगा खान ग्रामीण सहायता कार्यक्रम (AKRSP), ग्रामीण सहारा और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया फाउंडेशन(TRIF) द्वारा जारी किया गया प्रेस नोट, दिनांक 13 मई, 2020 ग्रामीण क्षेत्र की गरीब आबादी पर COVID 19 और लॉकडाउन के प्रभाव का आकलन करने के लिए सबसे बड़े सर्वेक्षण को प्रमुख गैर सरकारी संगठनों द्वारा किया गया....

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कोरोना टैक्स : दिल्ली में शराब खरीदने वालों को 70 फीसदी एक्स्ट्रा देना होगा

-सत्याग्रह,  दिल्ली सरकार अब शराब पर 70 फीसदी अतिरिक्त टैक्स वसूलेगी. यानी शराब की किसी बोतल का दाम 1000 रु है तो दिल्ली वालों को इसके लिए 1700 रु चुकाने होंगे. अरविंद केजरीवाल सरकार ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि पुलिस सुबह नौ बजे से शाम साढ़े छह बजे तक शराब की दुकानें खोले रखने की इजाजत दे. 40 दिन से भी ज्यादा के लॉकडाउन के बाद सोमवार से...

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मजदूर दिवस: क्यों शासन पर भरोसा नहीं कर पाए प्रवासी मजदूर

-डाउन टू अर्थ,  मूलरूप से बिहार के पूर्णिया जिले में रहने वाले सुरेश वर्मा आठ साल पहले बेहतर जिंदगी की तलाश में औद्योगिक नगरी फरीदाबाद आए थे। शुरू में उन्होंने एक फैक्ट्री में नौकरी की लेकिन चार साल पहले फैक्ट्री में छंटनी के कारण उनकी नौकरी चली गई। नौकरी छूटते ही उन्होंने पहले मजदूरी और फिर राजमिस्त्री का काम शुरू कर दिया। लॉकडाउन ने उनका यह काम भी छीन लिया। उनके...

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