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ट्रैक्टरों की खरीद में कमी से जानिये बढ़ते ग्रामीण-संकट का हाल, इस न्यूज एलर्ट में

ट्रैक्टरों की खरीदारी का देश की अर्थव्यवस्था में आ रहे उतार-चढ़ाव से क्या रिश्ता हो सकता है ? अगर इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको जेहन पर ज्यादा जोर देना पड़ रहा हो तो इस न्यूज एलर्ट को ध्यान से पढ़िए और सोचिए कि ट्रैक्टरों की खरीदारी के जिस आंकड़े के सहारे अर्थशास्त्रियों का एक समूह देश की अर्थव्यवस्था की खुशहाली के निष्कर्ष निकाल रहा है, उन्हीं आंकड़ों...

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बिहार-असम में बाढ़ से 166 और उत्तर प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से 34 लोगों की मौत

पटना/गुवाहाटी/लखनऊ/जयपुर/नई दिल्ली: बिहार और असम में बाढ़ की स्थिति अब भी भयावह बनी हुई है. दोनों राज्यों में बाढ़ से करीब 1.11 करोड़ लोग प्रभावित हुए हैं और मरने वालों की संख्या रविवार तक बढ़कर 166 हो गई. असम में मरने वालों का आंकड़ा 64 पहुंच गया जबकि बिहार में यह आंकड़ा 102 रहा. बीते शनिवार से दोनों राज्यों में पांच और लोगों के मरने की सूचना मिली थी. बिहार में बाढ़...

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असम में बाढ़ से 8 लाख से अधिक लोग प्रभावित, मृतकों की संख्या बढ़कर छह हुई

गुवाहाटीः असम में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है. राज्य के 33 में से 21 जिले ब्रह्मपुत्र नदी एवं उसकी सहायक नदियों में आई बाढ़ से प्रभावित हैं. मृतकों की संख्या बढ़कर छह हो गई है. हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, असम आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल राज्य में बाढ़ से 1,556 गांवों के 8.69 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. बाढ़ की...

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असम: बाढ़ से हालात गंभीर, 500 से ज़्यादा गांव प्रभावित, चार की मौत

गुवाहाटी/शिलॉन्ग/इटानगर: असम में वर्षा और बाढ़ जनित घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गयी और 11 जिलों में दो लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं.   भारी बारिश के बाद असम में ब्रह्मपुत्र समेत कई नदियां उफान पर है. राज्य आपदा प्रबधंन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने बताया कि धेमाजी, लखीमपुर, बिस्वनाथ, दरांग, बारपेटा, नलबाड़ी, चिरांग, गोलाघाट, माजुली, जोरहाट और डिब्रूगढ़ जिले के करीब 530 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं.   इलाके में 2,07,100...

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जीरो बजट कृषि का विचार नोटबंदी की तरह घातक है- राजू शेट्टी

शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को लेकर एक स्वाभाविक आकर्षण है क्योंकि यह कृषि जैसे मुश्किल व्यवसाय को सरलता से प्रकट करता है। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि में जोखिम कम होता है और पूंजी की आवश्यकता नहीं के बराबर होती है। इसे विदर्भ के किसान नेता सुभाष पालेकर द्वारा गढ़ा गया है जिन्हें 2016 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था। शून्य बजट प्राकृतिक कृषि को वैसा ही स्थान मिला...

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