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MSP देने से देश दिवालिया नहीं होने वाला, बंद करें बहानेबाजी

-द प्रिंट, देश के शासक-वर्ग के सिर पर एक प्रेत मंडरा रहा है—एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रेत. बीते कुछ दिनों के भीतर इस शासक-वर्ग के अलग-अलग तबके, मतलब भारतीय जनता पार्टी के सियासी साथी, मुक्त-बाजार की पैरोकारी में लगे आर्थिक जगत के विचारक और पर्यावरण-प्रेम के नाम पर जेहादी तेवर दिखाने वाले कुछ योद्धा साठगांठ में लगे हैं. इन लोगों ने धूनी रमा ली है और मंत्र फूंक रहे...

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जायज नहीं किसान आंदोलन पर बेहिसाब उम्मीदों का बोझ लादना

-कारवां, साल भर से भी ज्यादा समय हो गया है नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा तीन कृषि कानूनों को पारित किए हुए. लेकिन उनके खिलाफ जारी प्रतिरोध आंदोलन आज के भारत में एक व्यापक और सतत विरोध आंदोलनों में से एक रहा है. अपनी व्यापकता और दृढ़ता के साथ यह आंदोलन विभिन्न समूहों के लिए उम्मीद की किरण लेकर आया और इससे सभी की अपनी-अपनी उम्मीदें रही हैं. इनमें से कई तो उन...

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पीएम मोदी की छवि और भारत के कृषि सुधार को कितना बड़ा धक्का लगा है?

-बीबीसी, एक ओर प्रदर्शनकारी किसान पीएम मोदी के तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने पर जश्न मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर भारत के अंदर और विदेश में सुधार समर्थक अर्थशास्त्री उनके फ़ैसले से बेहद निराश हैं. सुधार समर्थक अर्थशास्त्री गुरचरण दास ने बीबीसी हिंदी को दिए एक इंटरव्यू में कहा, "इस फ़ैसले से मैं बहुत हैरान हूं, दुखी हूं. मायूस हूं. मुझे दुख हुआ क्योंकि ये पंजाब के किसान की जीत...

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राजनीतिक और आर्थिक परिदृष्य पर किसान लॉबी की वापसी

-रूरल वॉइस,  गुरू पर्व के मौके पर 19 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करने के साथ ही यह बात अब साफ हो गई है कि देश के राजनीतिक और आर्थिक परिदृष्य पर किसान लॉबी की वापसी हो गई है। आने वाले दिनों में राजनीति की दिशा के साथ ही आर्थिक नीतियों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। 1991 की आर्थिक उदारीकरण...

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आंदोलन में 675 से अधिक किसानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा: संयुक्त किसान मोर्चा

- जनपथ, तीन किसान-विरोधी, लोक-विरोधी और कॉर्पोरेट-समर्थक काले कानूनों को निरस्त करने के भारत सरकार के निर्णय के संबंध में भारत के प्रधानमंत्री द्वारा आज सुबह की घोषणा का स्वागत योग्य है और भारत के किसानों की एकजुटता की पहली बड़ी जीत है। कानूनों को निरस्त करने के लिए मजबूर कर किसानों के संघर्ष ने देश में लोकतंत्र और भारत में संघीय राज्य व्यवस्था को बहाल किया है, हालांकि अब भी...

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