इस हफ्ते की शुरुआत मध्य प्रदेश के 42 वर्षीय किसान रमेश बसेने की आत्महत्या के साथ हुई। हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी खबर में बताया गया था कि उस पर 25,000 रुपये का कर्ज था। कुछ ही हफ्ते पहले महाराष्ट्र के एक किसान की 21 वर्षीया बेटी शीतल व्यंकट की आत्महत्या की भी दुखद खबर आई थी। अपनी शादी के लिए पैसे के इंतजाम को लेकर पिता की परेशानी उससे...
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जेटली बोले- किसानों की कर्ज माफी अपने दम पर करें राज्य, केंद्र नहीं देगा पैसा
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने स्पष्ट किया कि केन्द्र सरकार राज्यों को किसानों के ऋण माफ करने के लिए वित्त उपलब्ध नहीं करायेगी। उन्होंने साफ कहा है कि जो राज्य किसान ऋण माफ करना चाहते हैं उन्हें इसके लिए स्वयं संसाधन जुटाने होंगे। जेटली ने सरकारी बैंक के प्रमुखों के साथ बैंकों के प्रदर्शन की समीक्षा के बाद संवाददाताओं से कहा कि जो राज्य किसान ऋण माफ करना चाहते हैं...
More »कृषि कर्ज-माफी का दलदल-- नवीन जोशी
दस दिन के किसान-आंदोलन के बाद महाराष्ट्र सरकार ने छोटी जोतवाले (लघु एवं सीमांत) करीब 31 लाख किसानों का लगभग तीन खरब रुपये का कर्ज माफ करने का ऐलान कर दिया. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में वादे के मुताबिक पांच एकड़ से कम जोतवाले किसानों का तीन खरब, 69 अरब रुपये का कृषि-कर्ज माफ करने का निर्णय किया था. मध्य प्रदेश में खूनी...
More »हमें और मंदसौर नहीं चाहिए-- शशिशेखर
दसौर की घटना पर आंसू बहाने वाले दिल कड़ा कर लें, क्योंकि असंतोष की चिनगारियां देश के कई हिस्सों में छिटक रही हैं। कारण? गांवों और कस्बों में रहने वाली देश की बड़ी आबादी के लिए ताकतवर भारतीय राष्ट्र-राज्य अब भी दूर की कौड़ी है। क्या हमें इस बात पर शर्म नहीं आनी चाहिए कि कृषि-प्रधान कहलाने वाले देश की कोई कारगर ‘राष्ट्रीय कृषि नीति' नहीं है? 1947 से अब...
More »सत्ता का संदेश- जय किसान जवान-- मुकेश भारद्वाज
आजादी के बाद भूमि सुधार की बात तो हुई लेकिन यह किसी पार्टी के एजंडे में नहीं रहा। विषमताओं और गैरबराबरी वाले भारत में इस बुनियादी मुद्दे को भुला महाजनों और मानसून पर निर्भर किसानों को विश्व बाजार के मंच पर अकेला छोड़ दिया गया। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर सभी सरकारें चुप हैं। जब लोगों के जीने-मरने का सवाल पैदा हो रहा हो तो उनके सामने नोटबंदी और डिजिटल...
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