वर्ष 2014 में भारत की अर्थव्यवस्था के समक्ष पहली चुनौती महंगाई है. इससे निबटना नयी सरकार की सबसे बड़ी जिम्मेवारी होगी. पिछले तीन-चार वर्षो से महंगाई की दर बहुत अधिक रही है. महंगाई की समस्या बहुआयामी है. यह अन्य समस्याओं को भी जन्म दे रही है. इससे देश में बहुत बड़ा संकट आया है. अगर सरकार इन चुनौतियों से मुकाबला करने में सक्षम रही, तो भारत की अर्थव्यवस्था उम्मीदों से...
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महंगाई कम करने की नीयत चाहिए- देविंदर शर्मा
खाद्य पदार्थो की लगातार बढ़ती कीमतों ने आम आदमी का जीना मुहाल कर रखा है. इस मूल्य वृद्धि को अकसर मांग और आपूर्ति के बीच असंतुलन से जोड़ कर देखा जाता है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि देश में खाद्यान्नों के उत्पादन में लगातार वृद्धि हुई है. फिर क्या वजह है खाद्य पदार्थो के मूल्य में होनेवाली वृद्धि की? क्या इसके पीछे जमाखोरों और सट्टेबाजों का हाथ है? आखिर किस...
More »खाद्य सब्सिडी का अंकगणित - अमित तिवारी
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के दूसरे कार्यकाल का बड़ा अहम फैसला संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में बड़ा फैसला करते हुए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक को पास कराने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया। कड़ी जद्दोजहद के बाद आखिरकार विधेयक पास भी हो गया। लेकिन इसी के साथ आर्थिक संकट से जूझ रहे राजकोष पर पडऩे वाले...
More »हाईटेक कृषि उपकरण हो रहे हैं पहुंच से दूर
नौ लाख रुपये की कीमत वाले स्ट्रॉ बेलर खरीदने वालों में किसान बहुत ही कम हालात - भूसा जलाने पर प्रतिबंध लगाने वाली राज्य सरकारें स्ट्रॉ बेलर के प्रयोग को बढ़ावा नहीं दे रही हैं। बैंक सस्ता कर्ज देने को तैयार नहीं है और किसानों के बीच भी जागरूकता का अभाव है। कृषि मशीनरी के नाम पर केवल ट्रैक्टर के लिए लोन मिलता...
More »खाद्य कानून की सफलता उत्पादन बढ़ाने पर निर्भर करती है: शरद पवार
नई दिल्ली। मंत्री शरद पवार ने आज इस बात से इन्कार किया कि खाद्य सुरक्षा कानून को लेकर उनकी कोई आपत्ति है। पर उन्होंने कहा कि देश में अनाज का उत्पादन बढा कर दुनिया के इस सबसे बड़े सामाजिक कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाया जाना चाहिए न कि अनाज का आयात कर के। उन्होंने कहा कि चूंकि खाद्य सब्सिडी पर खर्च प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 1,000 रूपए तक पहुंच गया है...
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