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अर्थव्यवस्था की गतिकी-- संदीप मानुधने

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के वर्षभर के पहले अग्रिम आकलन के मुताबिक सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर का आंकड़ा अनुमान से काफी कम आया है. सीएसओ का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी 6.5 फीसदी के दर से बढ़ेगी, जबकि रिजर्व बैंक का आकलन 6.7 फीसदी का था. यह अन्य अनुमानों से भी कम ही है. अपने-आप में जीडीपी की वृद्धि दर शायद बहुत अधिक...

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बहुत कठिन है खेती की राह..जानिए कैसे

भारत में किसानों की दशा दशकों तक नजरअंदाज किये जाने के कारण अब बुरी तरह बिगड़ चुकी है. सरकार ने खेतिहरों की आय दोगुना करने तथा उपज का उचित दाम दिलाने का वादा किया है, जिसे पूरा करने की दिशा में इस साल कुछ ठोस कोशिश की उम्मीद है. खेती को फायदेमंद पेशा बनाने, फसलों के सही मूल्य दिलाने, कर्ज से राहत आदि की प्राथमिकताएं इस साल हैं. इस संबंध...

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सरकारी बेरुखी से बदहाल किसान--- संजीव पांडेय

इस साल आलू की अच्छी फसल के बावजूद किसान बहुत परेशान हैं। उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब तक के किसान दस पैसे प्रति किलो आलू बेचने के लिए मजबूर हैं। हाल ही में पंजाब में किसानों ने जानवरों को ही आलू खिलाना शुरू कर दिया था। उधर उत्तर प्रदेश में सरकार ने इस बार आलू का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया था। इसके बावजूद आगरा और मथुरा के इलाके में...

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आत्मनिर्भरता के लिए हो महिला रोजगार--- जयश्री सेनगुप्ता

आज युवा बेरोजगारी की बात तो लगभग हर कोई करता है लेकिन महिला रोजगार की बात बहुत कम लोग ही करते हैं। महिलाओं को काम के लिए प्रेरित करने के तो कई तरीके हैं। यह बात उनके अपने लिए भी बहुत फायदेमंद रहेगी और उनके परिवार के लिए भी। हाल ही में प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने ध्यान केंद्रित करने के लिए जिन 10 क्षेत्रों की रूपरेखा तय की...

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बजट में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर हो सकता है जोर

दीपशिखा सिकरवार/ हिमांग्शु वत्स, नई दिल्ली गुजरात चुनाव में गैर-शहरी क्षेत्रों में बीजेपी को झटका लगने से सरकार को लेकर किसानों की नाराजगी का संकेत मिला है। ऐसे में आगामी बजट में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर अधिक जोर दिया जा सकता है। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने ईटी को बताया कि सरकार पिछले कुछ समय से किसानों की आमदनी बढ़ाने के उपाय भी तलाश रही है। वह किसानों...

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