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राजस्व की लूट

-द कारवां, आदित्य बिरला समूह और वेदांता लिमिटेड भारत में उन पहले कारपोरेट दाताओं में से थे जिन्होंने कोविड-19 महामारी राहत के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बनाए गए और उन्हीं के द्वारा संचालित पीएम केयर्स फंड में भारी भरकम राशि दान दी थी. यह फंड मार्च 2020 में बनाया गया था और इसके बनने के पहले सप्ताह के भीतर ही आदित्य बिरला समूह ने 400 करोड़ रुपए तथा वेदांता ने...

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बात बोलेगी: बिजली आ गयी है, लेकिन अर्द्ध-सत्य का अंधेरा कायम है!

-जनपथ, बिजली का संकट बिना कुछ किये ही टल गया। पूरा देश, भर उम्मीद था कि अब होगा अंधेरा और वो भी अनिश्चितकालीन। कोयला खत्म। आपूर्ति ठप। प्लांट बंद। खबरें शुरू। बहसें चालू। मंत्री और मंत्रालय सक्रिय। राज्य सरकारों व केंद्र सरकार के बीच सच-झूठ की चर्चाएं। आरोप-प्रत्यारोप के दौर। और अंत में निष्कर्ष- अंधेरे में होगा देश, दीवाली में दीये का सहारा, मैं नागिन तू सँपेरा जैसी तुकबंदी के साथ...

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आईईए रिपोर्ट की चेतावनी, जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए स्वच्छ ऊर्जा निवेश करने में दुनिया बहुत पीछे

-न्यूजक्लिक, IEA (इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी) ने 13 अक्टूबर को प्रकाशित अपने 'वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक' 2021 में स्कॉटलैंड के ग्लासगो में इस महीने के अंत में होने वाली संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) की बैठक से पहले एक चेतावनी संदेश प्रकाशित किया है। इसमें कहा गया है कि वैश्विक उत्सर्जन को शुद्ध-शून्य स्तर प्राप्त करने के लिए निरंतर गिरावट में डालने के लिए दुनिया बहुत पीछे है। आईईए ने अपनी रिपोर्ट में...

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ग्राउंड रिपोर्ट: क्यों नहीं है ट्रांसजेंडर के लिए हेल्पलाइन नंबर?

-न्यूजलॉन्ड्री, किसी ट्रांसजेंडर को सड़क पर देखकर हम गाड़ी के शीशे चढ़ा लेते हैं. उन्हें भद्दी गालियां देते हैं. उनके अलग दिखने की वजह से हम उनका तिरस्कार करते हैं. ये लोग हमेशा से हमारे समाज का हिस्सा रहे हैं लेकिन दबे, सहमे, छुपे और घबराए हुए. ना पुलिस और ना कोई सरकारी तंत्र है जो ट्रांसजेंडरों के साथ होने वाले अन्याय के खिलाफ इनकी मदद कर सके. वहीं मेट्रो, बस...

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सिद्दीकी कप्पन केस: क्या कहता है एक साल से जेल में बंद कैब ड्राइवर आलम का परिवार

-न्यूजलॉन्ड्री, "हमारी शादी को हुए अभी पूरे दो साल भी नहीं बीते हैं, ये मेरी ज़िंदगी के बहुत खुशगवार लम्हें थे लेकिन उनके जेल जाने के बाद से ज़िंदगी बहुत मुश्किल हो गई है, हर दिन इस आस में रहती हूं कि वे अगली सुनवाई पर रिहा हो जाएंगे, लेकिन नाउम्मीद होकर घर लौट आती हूं. आलम एक ऐसी सजा भुगत रहे हैं जिसकी कोई वजह ही नहीं है" ये शब्द उत्तर...

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