समाज व व्यवस्था की उदासीनता और वयस्क अपराधियों की सक्रियता की वजह से दिल्ली में बच्चों के कई आपराधिक गिरोह पनप रहे हैं. प्रियंका दुबे की रिपोर्ट. गर्मियों की एक दोपहर. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन. नई-दिल्ली-गुवाहाटी राजधानी एक्सप्रेस अपनी यात्रा पूरी कर चुकी है. यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर उतारने के बाद खाली हो चुकी ट्रेन धुलाई-सफाई के लिए रेलवे स्टेशन के पीछे बने यार्ड की तरफ बढ़ रही है. अचानक एक कोच...
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सरकारी वादे अमल में आने से ही साफ होगी यमुना
मनोज मिश्र, नई दिल्ली। दिल्ली सरकार और दिल्ली की अन्य सरकारी एजंसियां अगर केवल इसी वायदे को अमल में लाए कि अब गंदगी और कचरा यमुना नदी में नहीं जाने देंगे तब वास्तव में सकारात्मक पहल हो पाएगी। ऐसा हो जाए तो एक निश्चित समय के बाद सरकारी योजना वाली यमुना एक्शन प्लान से भी यमुना को साफ करने की समय सीमा तय की जा सकेगी। जिस दिल्ली के 48...
More »उषा से आशा...
राजस्थान के अलवर में रहने वाली ऊषा चाउमार ने अपने साथ सैकड़ों स्त्रियों को सिर पर मैला ढोने की प्रथा से छुटकारा दिलाया. विकास कुमार की रिपोर्ट. ऊषा पहले तो बात करने में खुलती ही नहीं. बेहद औपचारिक तरीके से दुआ-सलाम और फिर इधर-उधर की बातें करती हैं. लेकिन बार-बार अपने बारे में बताने का आग्रह करने पर जब वे अनौपचारिक होती हैं तो फिर बोलती ही जाती हैं. ढेरों बातें एक ही सांस...
More »पेयजल का 74 फीसदी हिस्सा सीवर का पानी!
आगरा. आगरा और मथुरा के घरों में आ रहे पेयजल का 74 फीसदी हिस्सा सीवर है। इसे साफ कर ‘जहरीला’ पेयजल के रूप में परोसा जा रहा है। सिंचाई विभाग के रिकॉर्ड से चौंकाने वाली बात सामने आई है। रिकॉर्ड के मुताबिक पिछले सप्ताह यमुना में दिल्ली चला 101 क्यूसेक पानी मथुरा के...
More »गुजरात के विकास का सच
जनसत्ता 6 नवंबर, 2012: अमिताभ बच्चन जब भी रेडियो और टेलीविजन पर एक विज्ञापन ‘खुशबू गुजरात की’ करते हैं तो उनकी दिलकश आवाज और लहजे से एक बार तो मन करता है कि ‘गुजरात-2002’ को भूल कर एक साधारण पर्यटक की तरह गुजरात घूमा जाए। नरेंद्र मोदी ने, विशेषकर 2002 के बाद, मीडिया में अपनी और गुजरात की छवि सुधारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। दरअसल, 2002 के दंगों के एक वर्ष बाद...
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