पिछले दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स में (अमर उजाला में भी, 24 जुलाई) प्रकाशित अपने लेख में सरकार के आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन और अर्थशास्त्री सिद्धार्थ जॉर्ज ने नकद हस्तांतरण को लेकर कुछ ज्यादा ही सरल और आशावादी विश्लेषण पेश किया। मगर नकद हस्तांतरण की मौजूदा व्यवस्था में इतनी त्रुटियां है, जिन्हें दूर किए बगैर खाद्य हस्तांतरण को नकद व्यवस्था में बदलने का सपना देखना बड़ी भूल होगी। जबकि 'जेएएम' (जैम-जनधन, आधार,...
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एक साल में 41 फीसदी महंगी हुई दालें: सरकार
नई दिल्ली। पिछले एक साल के दौरान रिटेल मार्केट में दालों के भाव 41 प्रतिशत तक बढ़ गए। फसलों के प्रतिकूल मौसम के कारण उत्पादन में गिरावट इसकी वजह रही। सरकार की ओर से शुक्रवार को संसद में यह जानकारी दी गई। राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा, 'पिछले एक साल में प्रमुख दालों के भाव 12.63 फीसदी से लेकर 40.73 प्रतिशत...
More »आठ महीने के ऊंचे स्तर पर पहुंची खुदरा महंगाई
नई दिल्ली। महंगाई के मोर्चे पर आम लोगों के साथ ही सरकार की परेशानी बढ़ गई है। इस साल जून में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.4 फीसद पर पहुंच गई। यह इसका आठ माह का उच्चतम स्तर है। मई में खुदरा कीमतों के आधार पर मापी जाने वाली महंगाई की यह दर 5.01 फीसद थी। सरकार की ओर से गुरुवार को खुदरा मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़े जारी किए गए। रिजर्व...
More »अंत्योदय योजना खतरे में - ज्यां द्रेज
गरीब-विरोधी होने की धारणा से भले ही मोदी सरकार लड़ने का दावा कर रही हो, मगर अंत्योदय अन्य योजना को लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली से चरणबद्ध तरीके से बाहर निकालने का फैसला कर उसने गरीबों को एक बड़ा झटका दिया है। यह कदम अन्यायपूर्ण और अवैध है। अंत्योदय योजना के तहत गांवों के अत्यधिक गरीब परिवारों को 35 किलो खाद्यान्न नाममात्र की कीमतों (चावल तीन रुपये प्रति किलो और गेहूं दो...
More »चीन से आगे जाने का मतलब- मधुरेन्द्र सिन्हा
बीती सदी के नब्बे के दशक में जब जर्जर भारतीय अर्थव्यवस्था को तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंहराव के वित्त मंत्री ने अमरबूटी पिलाई थी, तो किसी को एहसास भी नहीं था कि यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो जाएगी। विदेशों में बने टीवी, फ्रिज को देखकर ललचाते हुए मध्यवर्ग ने सोचा भी नहीं था कि भारत ऐसे सामान के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बन जाएगा। यह...
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