70 वर्षीय सीता कभी जमीन-जायदाद की मालकिन थी. उसका अपना घर था. लेकिन आज वह कांके की गलियों में भीख मांग कर अपना गुजारा कर रही है. उसकी ऐसी हालत पति के देहांत के बाद हो गयी. पति के इस दुनिया से चले जाने के बाद रिश्तेदारों ने भी उससे अपना मुंह मोड़ लिया. लेकिन इससे पहले उसकी सारी जमीन-जायदाद हड़प ली. सीता की कोई संतान नहीं है. इसका गम...
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स्किल डवलपमेंट पर जोर देने वाली सरकार नहीं दे रही हाईली स्किल्ड को पूरा वेतन
यपुर। एक ओर राज्य सरकार लगातार स्किल डवलपमेंट पर जोर दे रही है, वहीं मौजूद हाईली स्किल्ड को कम वेतन देकर उनका शोषण कर रही है। ऐसा ही प्रकरण यहां सरकारी अस्पतालों के लैब टेक्नीशियंस के मामले में सामने आया है। वेतन विसंगतियों की वजह से चार हजार लैब टेक्नीशियन कम स्किल्ड कार्मिकों से भी कम वेतन लेने को मजबूर हैं। यह वेतन सामान्य स्किल्ड से करीब 10 हजार रुपए...
More »देश के पर्यावरण को बचाने के लिए अकेले दम पर लगाए 1 करोड़ पेड़
दुर्ग। दारीपल्ली रमैया वो शख्स हैं जिनके बिना खम्मम में कोई भी कार्यक्रम पूरा नहीं होता। इस महान शख्स ने पेड़ों को बचाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी दांव पर लगा दी। हर एक समारोह में रमैया को भले ही पुरस्कारित किया जाता हो, लेकिन समारोह के अंत में वह भीड़ द्वारा फेंके गए प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को उठाने का काम करते हैं। इसके चलते कई बार लोग उन्हें कूड़ा बिनने...
More »देश के पर्यावरण को बचाने के लिए अकेले दम पर लगाए 1 करोड़ पेड़
दुर्ग। दारीपल्ली रमैया वो शख्स हैं जिनके बिना खम्मम में कोई भी कार्यक्रम पूरा नहीं होता। इस महान शख्स ने पेड़ों को बचाने के लिए अपनी पूरी जिंदगी दांव पर लगा दी। हर एक समारोह में रमैया को भले ही पुरस्कारित किया जाता हो, लेकिन समारोह के अंत में वह भीड़ द्वारा फेंके गए प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को उठाने का काम करते हैं। इसके चलते कई बार लोग उन्हें कूड़ा बिनने...
More »छह दशकों में बदल डाली तसवीर
गांव में रहनेवाले बच्चे आमतौर पर प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उच्च शिक्षा या नौकरी के इरादे से बड़े शहरों का रुख कर लेते हैं. लेकिन 84 साल के हो चले भीखूभाई व्यास ने ऐसा नहीं किया़ युवावस्था में अपने गांव को छोड़ जाने से बेहतर उन्होंने अपनी मिट्टी से जुड़े रह कर उसे संवारने का बीड़ा उठाया़ आइए जानें कैसे़ गुजरात के...
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