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भय नहीं सम्मान बने पुलिस की ताकत-- विभूति नारायण राय

उत्तर प्रदेश के नोएडा में पिछले दिनों पुलिस ने फ्लैग मार्च के रूप में एक शक्ति प्रदर्शन किया। पुलिस को बल मानने वाले मध्य वर्ग को उसकी शक्ति देखकर खुशी होनी चाहिए थी और जैसा कि दावा किया जा रहा था, अपराधियों के मन में इस दृश्य से इतना भय पैदा होना चाहिए था और उन्हें अपनी जमानतें रद्द कराकर जेलों में दाखिल हो जाना चाहिए था। इनमें से कुछ...

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अस्मिता की राजनीति से परे-- मणींद्र नाथ ठाकुर

भारतीय जनतंत्र में अस्मिता की राजनीति का प्रभाव काफी समय से रहा है. पिछले कुछ वर्षों में ऐसा लगने लगा था कि शायद इसका युग अब समाप्त हो जायेगा. लेकिन अब इसके विकृत रूप के उभार की संभावनाएं बढ़ती दिख रही हैं.     बिहार-बंगाल में दंगे, राजपूती शान के नाम पर पद्मावत फिल्म के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन, आरक्षण के लिए विभिन्न जातियों का आंदोलन, दलितों का राष्ट्रव्यापी बंद और राष्ट्रवाद व धर्म...

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‘वयं आधुनिका:’-- मृणाल पांडे

आपको यह जानकर अचरज होगा कि जिस तरह आज हम अंग्रेजी में ‘द न्यू रियल' यानी नयी सच्चाई को जगह देकर पुरानी सचाइयों को खारिज कर रहे हैं, वह सिलसिला आज का नहीं, बहुत पुराना है. सदियों से हर नयी पीढ़ी यह दावा करती आयी है कि वह पुरानों से बेहतर है. सबसे पहले का लिखित दावा 11वीं सदी के आसपास का है. इसमें मिथिला के उदयनाचार्य अपने निकट परवर्ती...

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कबाड़ के बाजार में हमारी निजता-- हरजिंदर

फेसबुक, ट्विटर या किसी अन्य सोशल मीडिया साइट पर आपने क्या डाला? अपनी जन्मतिथि, अपनी उम्र, शादी की तारीख, अपने शहर का मौसम, सहपाठियों की तस्वीरें, सहकर्मियों की पार्टी, भूली जा चुकी यात्राओं का विवरण, बेवजह की बहस, तू-तू और मैं-मैं, कविताएं, चुटकुले, नसीहतें, चचेरे भाई की वरमाल का वीडियो, दोस्त की शादी का भांगड़ा, ढेर सारी बधाइयां, शुभकामनाएं, दुआएं और श्रद्धांजलि...। सूची अंतहीन हो सकती है, पर ये आपके...

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मोसुल अब एक सबक है- शशिशेखर

सबसे पहले एक स्पष्टीकरण। ये पंक्तियां किसी नेता, व्यक्ति या संगठन के पक्ष-विपक्ष में नहीं हैं। एक साधारण हिन्दुस्तानी के तौर पर मेरे मन में टेलीविजन पर कुछ दृश्यों को देखकर जो उभरा, यह उसकी अभिव्यक्ति मात्र है। मंगलवार की शाम को आंखें उस समय डबडबा आईं, जब मैंने टेलीविजन पर कुछ कंकालों, हड्डियों, कपड़ों आदि को पडे़ देखा। हिन्दुस्तानी सरजमीं से हजारों किलोमीटर दूर वे अवशेष उन हिन्दुस्तानियों के...

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