-डाउन टू अर्थ, लॉकडाउन की वजह से फसल की कटाई और खरीद में देरी से परेशान किसानों पर एक और आफत टूटी। 25 अप्रैल की रात और 26 अप्रैल की सुबह कई राज्यों में भारी बारिश और आंधी की वजह से काफी फसल खराब हो गई, बल्कि फसल खरीद केंद्रों में भी गेहूं खराब होने की आशंका जताई जा रही है। डाउन टू अर्थ ने राज्यवार फसल के नुकसान का जायजा...
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एमपी/हरियाणा: मंडी में 80 कुंतल सरसों लेकर पहुंचे किसान से 32 किलो लेकर वापस लौटाया, कर्ज वसूली पर छूट फिर भी काट रहे पैसे
-गांव कनेक्शन, फोन पर जैसे ही मैसेज आया कि आप अपनी फसल लेकर मंडी आ जाइये, बहादुर सिंह खुश हो गये। फटाफट गांव से मजदूरों को बुलाया और ट्रैक्टर पर 25 कुंतल सरसों लेकर मंडी पहुंच गये, लेकिन खुशी तब निराशा में बदल गई जब मंडी में उनसे केवल 64 किलो सरसों ही खरीदा गया। देश की कई प्रदेश सरकारों ने लॉकडाउन में छूट देते हुए गेहूं और सरसों की सरकारी खरीद...
More »700 से ज़्यादा परिवारों तक सीधा खेतों से पहुंचा रहे हैं ताज़ी सब्जियां
-द बेटर इंडिया, बाज़ार और दुकानें कई दिनों से बंद हैं। ऐसी परिस्थिति में देश भर के किसानों को वित्तीय हानि के साथ-साथ फसलों के नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है। कर्नाटक के किसान, श्रीधर की बात करें तो देश भर में कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए 24 मार्च से लागू किए गए लॉकडाउन के कारण उन्हें अबतक तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है। लॉकडाउन के पहले...
More »किसान को क्या चाहिए
-आउटलुक, “कोरोना संकट के दौर में सरकार को वाकई किसानों की फिक्र है तो वह फौरन कुछ जरूरी कदम उठाए” कोरोना महामारी के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। हर व्यक्ति भविष्य को लेकर डरा हुआ है पर एक बात से पूरा देश निश्चिंत है कि हमारे पास खाने के लिए भरपूर अनाज है। दो महीने पहले ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ और अब समय गेहूं, सरसों आदि काटकर भंडारण का...
More »लॉकडाउन के चलते गरीबी और भुखमरी बढ़ने का खतरा: अमर्त्य सेन, रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी
-द वायर, कोरोना वायरस के बढ़ते संकम्रण को रोकने के लिए लॉकडाउन की समयसीमा बढ़ाए जाने के बाद से विभिन्न वर्गों में चिंता बढ़ गई है. विशेषज्ञों और अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर सही तरीके से देश के लोगों को भोजन नहीं मुहैया कराया जाता है और दिहाड़ी मजदूरों की बढ़ती समस्याओं का समाधान नहीं किया जाता है, तो देश में गरीबी बढ़ने और भुखमरी का खतरा बढ़ सकता है. प्रख्यात...
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