नई दिल्ली [डॉ. ऋतु सारस्वत]। भारत अपनी स्वतंत्रता के छह दशक बिता चुका है और इन वर्षो में भारत में बहुत कुछ बदला है। विश्व के सबसे मजबूत गणतंत्र में सभी को अपनी इच्छा से जीने, सोचने और अपने विचारों को अभिव्यक्त करने की स्वतंत्रता मिली है, जिसका हम उपभोग भी कर रहे हैं। हालाकि एक वर्ग ऐसा भी है जो आज भी इस सुखानुभूति से वंचित है और वह...
More »SEARCH RESULT
शिक्षा क्षेत्र पर नहीं उमड़ा प्यार
रांची. राज्य सरकार शिक्षा पर 1200 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इसमें से सिर्फ प्राथमिक शिक्षा पर 924.75 करोड़ रुपये खर्च होंगे। सभी को शिक्षा मुहैया कराने के उद्देश्य से सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत 675 करोड़ रुपये कर्णाकित किए गए हैं। मिड डे मिल पर 196 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य के 44055 स्कूलों में पढ़नेवाले करीब 40 लाख छात्रों को मध्याह्न् भोजन मिलेगा। वर्ग एक से आठ तक के सभी छात्रों...
More »7.16 लाख बेटियों को नसीब नहीं शिक्षा
जयपुर. राजस्थान में 6 से 14 साल की 7.16 लाख बेटियों को प्राथमिक शिक्षा नसीब नहीं हो पा रही। इनमें 4.14 लाख बच्चियां तो एक बार भी स्कूल नहीं गईं, जबकि 3,02479 बच्चियां पढ़ाई छोड़कर मजदूरी सहित अन्य काम करने को मजबूर हैं। प्रारंभिक शिक्षा परिषद के चाइल्ड ट्रेकिंग सर्वे (सीटीएस) की इसी सप्ताह जारी रिपोर्ट ने राज्य में बेहतर शिक्षा के दावों पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। शिक्षाविदों ने बेटियों...
More »बिहार की शिक्षा में आ रहा क्रांतिकारी बदलाव : नीतीश कुमार
पटना. मुख्यमंत्नी नीतीश कुमार ने आज कहा कि सरकार शिक्षा में गुणवत्ता के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और इस दिशा में कई क दम उठाये जा रहे है। श्री कुमार यहां स्वयंसेवी संस्था प्रथम की ओर तैयार किये गये एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2010 का लोकार्पण कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार शिक्षा में गुणवत्ता को बनाये रखने की दिशा में हर संभव उपाय...
More »शिक्षा की अलख जलाने वाले शिक्षक करते हैं बूट-पॉलिस
पाकुड़। हालात-ए-जिस्म सूरत-ए-खराब, वहां और भी खराब यहां और भी खराब ये पंक्ति सरकार को शर्मसार करने वाली सूबे की खराब हालात की एक ऐसी ही दास्तांन बयां करती है। ये दास्तांन है पाकुड़ के एक ऐसे शिक्षक की जो पिछले 25 वर्षो से शिक्षा की अलख जला रहे हैं, परन्तु इस एवज में यदि उन्हें कुछ मिला है तो बूट-पॉलिस का धंधा, गरीबी व जिल्लत भरी जिंदगी। जिले के अमड़ापाड़ा...
More »