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सरकार और किसान संगठनों के बीच वार्ता विफल, 3 दिसंबर को फिर होगी बैठक

-डाउन टू अर्थ, केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच हुई बातचीत विफल रही। सरकार ने किसानों के सामने शर्त रखी कि वे पांच सदस्यीय कमेटी बनाएं, लेकिन किसान संगठनों ने इससे इंकार कर दिया। 3 दिसंबर को एक बार फिर बैठक बुलाई गई है। केंद्र द्वारा लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान दिल्ली के अंदर और सीमाओं पर डटे हुए हैं। इस वजह से 1 दिसंबर को...

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भाजपा शासित राज्यों में कथित ‘लव जिहाद’ पर अंकुश के लिए प्रस्तावित कानून कितने प्रभावी होंगे

-द प्रिंट, सरकार ने अगर समय रहते विवाह के लिये धर्मांतरण की घटनाओं पर अंकुश पाने के लिये उच्चतम न्यायालय के सुझाव पर विचार करके कदम उठाये होते तो आज शायद ‘लव जिहाद’ नाम से सुर्खियां बन रही धर्मांतरण के प्रयास की घटनायें नहीं होतीं. लेकिन हमारी सोच बन गयी है कि न्यायिक व्यवस्था में दिये गये सुझावों पर उचित समय पर विचार कर लिया जायेगा. हिन्दू पुरुषों द्वारा अपनी पत्नी से...

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लोकतंत्र की संरचना में ही असहमति गुंथी होती है

-सत्याग्रह, असहमति की व्याप्ति डेढ़ेक बरस पहले अहमदाबाद विश्वविद्यालय की अध्यापिका प्रतिष्ठा पण्ड्या ने फ़ोन कर बताया कि उन्होंने मेरे सम्पादन में आयी ‘इण्डिया डिसेण्ट्स’ संचयिता देखी है और मैं असहमति पर उनके छात्रों और सहकर्मियों से संवाद करने उनके द्वारा संचालित एक बौद्धिक सीरीज़ ‘नालन्दा’ में भाग लूं. जाना कई कारणों से नहीं हो पाया और फिर कोविड महामारी आ गयी. सो अब यह संवाद ऑनलाइन हुआ. छात्रों और अध्यापकों ने...

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मनु का क़ानून और हिंदू राष्ट्र के नागरिकों के लिए उसके मायने

-द वायर, हाल ही में चेन्नई में भाजपा ने अपनी नई नेता खुशबू के नेतृत्व में तमिलनाडु के सांसद थिरुमावलवन द्वारा मनुस्मृति के बारे में की गई टिप्पणियों के विरोध में प्रदर्शन किया गया था. यह शायद भाजपा द्वारा मनुस्मृति के समर्थन में पहला सार्वजनिक प्रदर्शन था. ऐसा लगता है कि संघ परिवार अब खुलकर इस पुरातन ग्रंथ के पक्ष मे हमलावर रुख अपनाकर सामने आना वाला है. दरअसल, 5 अगस्त 2019...

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क्या बाइडन भारत के लिए ट्रंप से बेहतर साबित होंगे?

-इंडिया टूडे, 'मुफ्त में कुछ भी नहीं’ एश्ले जे. टेलिस सीनियर फेलो, कार्नेगी एंडोवमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस, वाशिंगटन डीसी बाइडन पारंपरिक अमेरिकी राष्ट्रपति के सांचे में ढले होंगे. विदेश से जुड़़े हुए मामलों में अमेरिका की अगुआई के प्रति फिर प्रतिबद्धता, हमारे गठबंधनों में फिर निवेश और बहुपक्षीय संस्थाओं के साथ फिर जुड़ाव होगा. अमेरिका-भारत संबंध अच्छे मुकाम पर हैं और ट्रंप जहां छोड़कर गए हैं, नया बाइडन प्रशासन उसकी रक्षा करना चाहेगा और...

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