भोपाल. मध्य प्रदेश में एमबीए और इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले चपरासी बनने जा रहे हैं। प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (पीईबी) ने फोर्थ क्लास के 963 पदों के लिए रिटन एग्जाम लिया था। मिनिमम क्वालिफिकेशन 8वीं पास होना तय की गई थी। लेकिन मैरिट के हिसाब से 8वीं पास केवल 22 कैंडिडेट्स को ही सफलता मिली है। क्या है मामला? - पीईबी ने फोर्थ क्लास (4,440-7,440 रुपए ग्रेड पे) के पदों के लिए...
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जहां आदिवासी छात्राएं ही नहीं, वहां बांट दिए मातृ प्रोत्साहन के 3.16 करोड़
दशरथ सिंह परिहार, गुना। आदिवासी छात्राओं को सरकारी स्कूल में दाखिले के लिए प्रेरित करने पर उनकी माताओं को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि में भी शिक्षा विभाग के घोटालेबाज अफसरों ने 3.16 करोड़ का घपला कर दिया। पूर्व जिला परियोजना समन्वयक (डीपीसी), पांच ब्लॉक स्रोत समन्वयक (बीआरसी) और हेडमास्टरों ने जिले के पांचों ब्लॉक में 150 स्कूलों की दस हजार 500 से अधिक छात्राओं को कागजों में आदिवासी बताकर पैसा...
More »ग्रामीणों का फरमान : विधवा के हाथ से बना मिड डे मील खाने पर बैन
बरौली : गोपालगंज जिले के बरौली के कल्याणपुर राजकीय मध्य विद्यालय में एक विधवा को रसोइया नियुक्त किये जाने पर गांव के लोग खफा हैं. बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल परिसर में बैठक की, जिसमें विधवा के आचरण पर सवाल उठाते हुए उसके बनाये हुए मिड डे मील बच्चों को खिलाने पर रोक लगा दी गयी. इतना ही नहीं, उसे हटाये जाने तक स्कूल में तालाबंदी कर दी गयी है....
More »सरकार नहीं मानती भूख से हुई हैं मौतें
संकट : चाय बागानों में नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, और पांच श्रमिकों की मौत एक तरफ उत्तर बंगाल के चाय बागानों में भूख और इलाज के अभाव में श्रमिक लगातार दम तोड़ रहे हैं. लेकिन मंगलवार को राज्य सरकार ने साफ कह दिया कि किसी श्रमिक की भूख या इलाज के अभाव में मौत नहीं हुई है. राज्य से श्रम मंत्री मलय घटक ने िवधानसभा में सवालों के जवाब...
More »डूब जाते हैं बनैनिया जैसे समृद्ध गांव और राजनीति उफ तक नहीं करती
महज पांच साल पहले कोसी नदी के किनारे एक खूबसूरत और समृद्ध गांव था बनैनिया. मिथिलांचल और कोसी के इलाकों को जोड़ने के लिए जब महासेतु बना, तो बनैनिया डूब गया. थोड़ी-सी प्रशासनिक सजगता इस गांव को बचा सकती थी. गुणानंद ठाकुर जैसे सांसद और मायानंद मिश्र जैसे बड़े साहित्यकार का यह गांव अब कोसी की धारा में समा गया है. गांव के लोग 22 अलग-अलग गांवों में रहते हैं....
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