-लोकवाणी, लॉकडाऊन के सवा दो माह गुजरने के बाद जब कोई सवाल ये पूछे तो कि देश ने क्या खोया-क्या पाया तो एक खस्ताहाल आम नागरिक का और क्या जवाब होगा भला सिवाय मी’र के इस शे’र के कि ‘उलटी हो गई सब तदबीरें कुछ ना दवा ने काम किया—देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आखिर काम तमाम किया’ ? लॉकडाऊन के बीते दिनों के बारे में बस इतना भर कहा जा सकता...
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लाख दावों के बावजूद 45 डिग्री की झुलसाती गर्मी में रह रहे प्रवासी मजदूर
-न्यूजलॉन्ड्री, 17 मई, 2020 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के एक ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा, “दिल्ली में रह रहे प्रवासी मजदूरों की जिम्मेदारी हमारी है. अगर वो दिल्ली में रहना चाहते हैं तो उनका पूरा ख़्याल रखेंगे और अगर वो अपने गांव लौटना चाहते हैं तो उनके लिए ट्रेन का इंतजाम कर रहे हैं. किसी भी हालत में उन्हें बेसहारा नहीं छोड़ेंगे.” क्या दिल्ली सरकार...
More »गिर रही थी मोदी 2.0 की साख, कोविड-19 के कारण मिली राहत की सांस
-द क्विंट, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल मौन धूम धड़ाके के साथ पूरा हो रहा है, क्योंकि कोविड-19 महामारी ने इसकी मिश्रित कामयाबियों के दंभ को सीमित कर दिया है. कोरोना वायरस संकट से निपटने में सरकार ने जो अक्षमता, संवेदनहीनता और तानाशाही दिखाई है, और सरकारी उपेक्षा और अव्यवस्था के बीच लाखों की तादाद में अपने घर लौटते प्रवासी मजदूरों ने जो दर्दनाक पीड़ा झेली...
More »इंटरव्यू / सरकार को लॉकडाउन से पहले प्रवासी मजदूरों को घर भेजना चाहिए था, रिवर्स माइग्रेशन से अब वे देर से लौटेंगे, लेकिन लौटेंगे जरूर: प्रो. चिन्मय तुंबे
-भास्कर, दुनियाभर में माइग्रेशन के लिए चर्चित किताब ‘इंडिया मूविंग: अ हिस्ट्री ऑफ माइग्रेशन’ के लेखक और आईआईएम अहमदाबाद में प्रोफेसर चिन्मय तुंबे से इस वक्त कई राज्य सरकारें माइग्रेंट्स को लेकर पॉलिसी मेकिंग में एडवोकेसी-कंस्लटेंसी ले रही हैं। तुंबे का मानना है कि कोविड-19 के चलते बेशक दुनियाभर में लॉकडाउन हुआ, लेकिन पूरी दुनिया में माइग्रेंट्स के साथ ऐसा बुरा कहीं नहीं हुआ, जैसा भारत में हुआ। माइग्रेशन के विभिन्न पहलुओं...
More »यूपी में पटरी दुकानदारों को मिलने वाले कर्ज पर संशय
-इंडिया टूडे, लॉकडाउन के कारण रोज कमाकर खानेवाले पटरी दुकानदारों की आर्थिक हालत बहुत खराब है. इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने अपने राहत पैकेज में पटरी दुकानदारों को दस-दस हजार रुपए की पूंजी रोजगार के लिए उपलब्ध कराने का प्रावधान किया है. लेकिन इस कर्ज के प्रावधानों को लेकर संशय बना हुआ है. केंद्र सरकार से घोषित पैकेज का पटरी दुकानदारों को लाभ दिलाने के लिए प्रदेश सरकार अपनी कार्ययोजना तैयार कर...
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