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खाद्य सुरक्षा बिल से ज्यादा नहीं बढ़ेगा सब्सिडी बोझ

नई दिल्ली, एजेंसी : केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी भले ही खाद्य सुरक्षा विधेयक के अमल से सब्सिडी का बोझ बढ़ने को लेकर परेशान हो, लेकिन सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री केवी थॉमस ने रविवार को कहा कि प्रस्तावित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक (एनएफएसबी) से सरकार पर ज्यादा वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा। उल्लेखनीय है कि केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी पिछले दिनों बढ़ती सब्सिडी को लेकर चिंता जता...

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एफडीआई (आर्थिक विधेयक) ठंडे बस्ते में नहीं : मुखर्जी

नई दिल्ली, 23 नवंबर (एजेंसी) वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि सरकार आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के प्रति वचनबद्ध है और आर्थिक महत्व के विधेयकों पर राजनीतिक आम सहमति बनाने में लगी है। मुखर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार ने बहु ब्रांड खुदरा दुकानदारी के क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को प्रवेश देने के प्रस्ताव को भले ही टाल दिया गया हो, पर इसे ‘ठंडे बस्ते’ में...

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लोकपाल के अधीन- सीताराम येचुरी

आज जनता व्यग्रता से इंतजार कर रही है कि संसद एक कारगर लोकपाल संस्था कायम करे, ताकि उच्च पदों पर तथा सार्वजनिक जीवन में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाया जा सके। इसी संदर्भ में सरकार ने संसदीय स्थायी समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट पर विचार करने के लिए विगत 14 दिसंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। संसदीय स्थायी समिति ने लोकपाल विधेयक के मौजूदा मसौदे और पिछले कुछ...

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बारहवीं योजना में स्वास्थ्य राम प्रताप गुप्ता

पिछले दिनों सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना का दृष्टिकोण पत्र जारी किया। आर्थिक विकास की ऊंची दर के बावजूद आम जनता विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित है। इसका प्रमुख कारण यही है कि आज भी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर राष्ट्रीय आय का मात्र 1.2 प्रतिशत खर्च किया जाता है। नतीजतन लोगों को चिकित्सा व्यय का अधिकांश स्वयं वहन करना पड़ता है, जो उन्हें गरीबी रेखा से नीचे धकेल रहा है। सार्वजनिक...

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बारहवीं योजना में स्वास्थ्य - राम प्रताप गुप्ता

पिछले दिनों सरकार ने बारहवीं पंचवर्षीय योजना का दृष्टिकोण पत्र जारी किया। आर्थिक विकास की ऊंची दर के बावजूद आम जनता विश्वसनीय स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित है। इसका प्रमुख कारण यही है कि आज भी सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं पर राष्ट्रीय आय का मात्र 1.2 प्रतिशत खर्च किया जाता है। नतीजतन लोगों को चिकित्सा व्यय का अधिकांश स्वयं वहन करना पड़ता है, जो उन्हें गरीबी रेखा से नीचे धकेल रहा है। सार्वजनिक...

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