SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 282

कैंसर के इलाज के लिए अब बिहार सरकार देगी एक लाख रुपये, एसिड अटैक पीड़ितों को डेढ़ लाख

पटना: राज्य सरकार ने एसिड अटैक के पीड़ितों को बड़ी राहत देते हुए उनके इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये की सहायता करने का फैसला किया है. यह सहायता सजर्री की स्थिति में दी जायेगी. इसके अतिरिक्त शरीर के अन्य हिस्सों पर एसिड के प्रभाव को खत्म करने के लिए सरकार एक लाख रुपये की सहायता उपलब्ध करायेगी. मुख्यमंत्री सहायता कोष से यह राशि मुहैया करायी जायेगी. मंगलवार की शाम...

More »

छत्‍तीसगढ़ में धान की 257 देशी किस्मों का अनूठा संग्रह

रायपुर(छत्‍तीसगढ़)। धान की ज्यादा पैदावारी की होड़ में एक ओर किसान अब उन्‍नत और हाइब्रिड किस्म को अपना रहे हैं। वहीं दूसरी ओर किसानों की एक समिति ने देशी धान की किस्मों को सहेजने की अनूठी मिसाल पेश की है। ये किसान धुर नक्सल और आदिवासी अंचल कोंडागांव जिले के छोटे से गांव गोलाबण्ड के हैं, जिन्होंने धान की 257 देशी किस्मों को स्थानीय तरीके से सहेजा है। इसमें काटा मेहर,...

More »

बिहार में अतिवृष्टि को केंद्र ने माना राष्ट्रीय आपदा: श्रीनिवास

फसल नुकसान का जायजा लेने बिहार आई दस सदस्यीय केंद्रीय टीम के नेतृत्वकर्ता कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव केएस श्रीनिवास ने कहा है कि चक्रवाती तूफान, ओलावृष्टि, बाढ़, भूकंप आदि राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में आते हैं। अतिवृष्टि राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में नहीं आती है। लेकिन, केंद्र सरकार ने इस वर्ष से अतिवृष्टि व अन्य स्थानीय आपदाओं को राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में माना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें...

More »

निम्न दर्जे पर पहुंचती उच्च शिक्षा - फिरोज वरुण गांधी

उन्नीसवीं सदी के लगभग मध्य में स्थापित कलकत्ता विश्वविद्यालय और उसके उत्तरार्ध के इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने देश को नोबेल विजेता और प्रधानमंत्री दिया है। मगर अब इनकी गिनती विश्व रैंकिंग में पहले 400 विश्वविद्यालयों में भी नहीं होती। यहां तक कि ब्रिक्स देशों के शीर्ष 20 विश्वविद्यालयों में हमारी एक भी यूनिवर्सिटी नहीं है। दरअसल, हमारे विश्वविद्यालय ‘उच्च शिक्षा के नगरपालिका स्कूल' में तब्दील हो गए हैं। दूसरी तरफ, अधिकतर...

More »

किसानों को चाहिए सुरक्षा कवच- बी के चतुर्वेदी

विकट कृषि संकट के चलते किसान लगातार आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसे में हमें इस समस्या पर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। किसानों के लिए किसी भी तरह के सुरक्षा तंत्र की रूपरेखा उनकी जरूरतों और समस्याओं की समझ पर आधारित होनी चाहिए। ऐसे किसी तंत्र के लिए विभिन्न पहलुओं पर गौर करना जरूरी है। इसमें से पहला यह कि छोटी जोत की खेती के लिए बड़े पैमाने पर...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close