-न्यूजलॉन्ड्री, कृषि बिल के विरोध में किसानों ने शुक्रवार यानी 25 सितंबर को भारत बंद किया. बिल के विरोध में किसानों ने कई राज्यों में चक्का जाम, रेल रोको आंदोलन चलाया. सोशल मीडिया पर अभी भी किसानों के प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो तैर रहे हैं. लोग अपने अपने अंदाज में किसानों के समर्थन में अपनी टाइमलाइन पर लिख रहे हैं. बता दें कि इस बिल के पास होने के बाद...
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"कृषि विधेयकों से किसानी पर हो जाएगा कॉरपोरेटों का कब्जा," पंजाब के आंदोलनरत किसान
-कारवां, 14 सितंबर को जब पंजाब और हरियाणा में किसान संगठन विरोध कर रहे थे केंद्र सरकार ने संसद में कृषि से संबंधित तीन विधेयक पेश किए. इन विधेयकों ने जून में घोषित किए गए तीन अध्यादेशों, किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश (2020), किसानों के (सशक्तिकरण और संरक्षण) के लिए मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा समझौता अध्यादेश (2020) और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश (2020) को प्रतिस्थापित कर...
More »कृषि बिल: न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर डरे हुए क्यों हैं किसान?
-बीबीसी, रविवार को राज्यसभा में पारित हुए नए कृषि सुधार क़ानूनों को लेकर विपक्ष के बढ़ते विरोध के बीच केंद्र सरकार ने फ़सलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को बढ़ाने का फै़सला किया है. कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति ने सोमवार को इसके लिए मंज़ूरी दे दी है. कृषि मंत्री ने रबी की छह फ़सलों की नई एमएसपी जारी की है. ये फ़ैसला ऐसे वक़्त में लिया गया है जब कृषि...
More »कृषि विधेयक: क्या हैं प्रावधान, क्यों हो रहा विरोध
-बीबीसी, पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत देश के कई हिस्सों में कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. तीनों बिल लोकसभा में पारित हो चुके हैं. किसान इनका विरोध कर रहे हैं, विपक्ष सरकार पर निशाना साध रही है, लेकिन सरकार इन्हें किसानों के हित वाला बता रही है. पहले समझते हैं कि इन तीनों विधेयकों के मुख्य प्रावधान क्या हैं. कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण)...
More »एक्शनएड सर्वे: लॉकडाउन लागू होने के बाद तीन-चौथाई से अधिक श्रमिक अपनी आजीविका से हाथ धो बैठे
एक्शनएड एसोसिएशन (एएए) द्वारा मई 2020 के आखिर तक तीसरे चरण के लॉकडाउन में राष्ट्रीय स्तर पर अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर निर्भर श्रमिकों के बीच सर्वेक्षण (14 मई और 22 मई, 2020 के बीच) किया है, जिसमें महामारी के दौरान प्रवासी श्रमिकों सहित अनौपचारिक श्रमिकों के जीवन और आजीविका में आए बदलावों और प्रभावों, उनके द्वारा अनुभव की गई रोजी-रोटी की अनिश्चितता और उससे निपटने के लिए उनके संघर्षों को दर्ज किया...
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