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COVID-19 की पहली लहर के दौरान ग्रामीण बिहार में अधिकांश परिवारों को आजीविका संकट का सामना करना पड़ा!

मोनाश विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में सेंटर फॉर डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स एंड सस्टेनेबिलिटी के अर्थशास्त्रियों और नई दिल्ली स्थित मानव विकास संस्थान द्वारा संयुक्त रूप से किए गए एक सर्वेक्षण आधारित शोध के अनुसार, महामारी की पहली लहर ने पिछले साल बिहार में ग्रामीण श्रमिकों (स्व-रोजगार सहित) की आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव डाला था. अध्ययन के लेखकों द्वारा जारी एक हालिया प्रेसनोट से पता चलता है कि पिछले साल ग्रामीण बिहार में आजीविका...

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दरभंगा एम्स के लिए सत्याग्रह: घर-घर ईंट मांग रहे युवा, कहा- सरकार नहीं तो जनता करेगी शिलान्यास

-गांव कनेक्शन, बिहार के दरभंगा जिले में प्रस्तावित प्रदेश के दूसरे एम्स के लिए बिहार के सैकड़ों युवाओं ने एक मुहिम शुरु की है। वो घर-घर जाकर लोगों से ईंट मांग रहे हैं। बिहार में छात्रों-युवाओं के संगठन मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU) ने ऐलान किया है कि अगर घोषणा के इतने वर्षों बाद भी सरकार शिलान्यास नहीं कर सकी तो बिहार की जनता ये काम खुद करेगी। मिथिला स्टूडेंट यूनियन (MSU)...

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बिजली गिरने से होने वाली मौतों से बचने के लिए अधिक मौसम सुरक्षा जागरूकता और बिजली चेतावनी उपकरणों की आवश्यकता है!

मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम की शुरुआत में, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्यों में एक ही दिन यानी 11 जुलाई, 2021 को बिजली गिरने से 70 से अधिक लोगों की मौत हो गई. उन अलग-अलग घटनाओं से पहले इस साल 13 मई को असम के नगांव जिले में स्थित कंडाली प्रस्तावित रिजर्व फॉरेस्ट में बिजली गिरने से, अठारह हाथी एक पहाड़ी की...

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सर्विलांस राज्य ही विश्व का 'न्यू नॉर्मल'

-न्यूजक्लिक, अक्सर ऐसा होता है कि कुछ देशों से संबंधित कोई गंभीर घटना प्रमुख वैश्विक परिघटनाओं को सुर्खियों में ला देती है। विपक्ष के नेताओं के फोन टैप करने के लिए इज़रायली खूफिया एजेंसी एनएसओ के पेगासस सॉफ्टवेयर को लेकर उठा विवाद ऐसा ही एक मामला है। जब पिछले एक दशक में वैश्विक स्तर पर एक सामान्य दक्षिणपंथी झुकाव हुआ है, तो राज्य की संस्था कैसे बच सकती है? राज्य के...

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आवरण कथा/बैंकिंग व्यवस्था/भगोड़ों की मौज, भंवर में फंसे बैंक

-आउटलुक, “एनपीए बढ़ा, बैंकों को गहराते संकट से उबारने के उपाय ऊंट के मुंह में जीरे के सामान, गलतियों से सबक सीखने के प्रति लापरवाही, दिवालिया संहिता से सवालिया घेरे में बैंक, याराना पूंजीवाद और भगोड़ों पर कोई खास अंकुश नहीं” अजब जलवा है भगोड़ों का। 23 मई की रात अचानक खबर आई कि देश के बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाने वाले मोस्ट वांटेड भगोड़ों में से एक, मेहुल चोकसी...

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