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हर चार टीबी मरीजों में से एक भारत का; कुपोषण बड़ा कारण है टीबी का

ग्लोबल ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रिपोर्ट 2019 की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक टीबी बीमारी के लिए पांच कारण पाए गए हैं जिसमें से सबसे बड़ा कारण अल्प पोषण का है, यानी कम भोजन मिलना। वर्ष 2018 के दौरान भारत में करीब 7 लाख टीबी मामले अल्प पोषण के कारण पाए गए हैं। अन्य चार टीबी होने के जोखिमों में शराब पीना, धूम्रपान, मधुमेह और एचआईवी का होना शामिल है। डा. शाह आलम खान (एम्स, नई...

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समुद्र का जलस्तर बढ़ने से 2050 तक मुंबई के डूबने का खतरा, विश्व की डेढ़ अरब आबादी प्रभावित होगी

न्यूयॉर्क. समुद्र का बढ़ता जलस्तर 2050 तक पूर्व अनुमानित आंकड़े से तीन गुना अधिक आबादी (डेढ़ अरब लोगों) को प्रभावित कर सकता है। इसके कारण भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई के पूरी तरह डूब जाने का खतरा है। यह बात न्यूजर्सी के विज्ञान संगठन क्लाइमेट सेंट्रल के शोध में सामने आई है। हालांकि, इस शोध में भविष्य की जनसंख्या वृद्धि और तटीय क्षरण शामिल नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है...

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पूरी दुनिया में गेहूं पर मंडराता संकट -ललित मौर्या

दुनिया भर में ग्लोबल वार्मिंग के चलते दिनोंदिन जल संकट गहराता जा रहा है, इसका बुरा असर न केवल पानी की उपलब्धता पर पड़ रहा है, बल्कि गेहूं, धान जैसी फसलों पर भी पड़ रहा है, आज दुनिया के 15 फीसदी गेहूं उत्पादक क्षेत्र जलवायु परिवर्तन की मार झेल रहे हैं, यदि इसकी रोकथाम के लिए व्यापक कदम नहीं उठाये गए तो इस सदी के अंत तक यह आंकड़ा 60 फीसदी...

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जलवायु परिवर्तन के दायरे में दुग्ध उत्पादन भी, नहीं संभले तो अगले साल तक दिखने लगेगा असर

नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन के कारण ग्लोबल वार्मिंग के भारत में असर और चुनौतियों के दायरे में फल और सब्जियों ही नहीं बल्कि दुग्ध भी हैं. जलवायु परिवर्तन के भारतीय कृषि पर प्रभाव संबंधी अध्ययन पर आधारित कृषि मंत्रालय की आंकलन रिपोर्ट के अनुसार अगर तुरंत नहीं संभले तो इसका असर 2020 तक 1.6 मीट्रिक टन दूध उत्पादन में कमी के रूप में दिखेगा. रिपोर्ट में चावल समेत कई फसलों के...

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जलवायु परिवर्तन से कृषि पर पड़ रहा बुरा प्रभाव, 23 प्रतिशत तक कम हो सकता है गेहूं का उत्पादन

नई दिल्ली: जलवायु परिवर्तन के प्रभाव और बढ़ता प्रदूषण न केवल लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल रहे हैं, बल्कि खेतों में पैदा हो रही फसलें भी इनसे प्रभावित हैं. कृषि मंत्रालय ने संसदीय समिति को सौंपे लिखित जवाब में कहा है कि जलवायु परिवर्तन की वजह से धान, गेहूं, मक्का, ज्वार, सरसों, आलू, कपास और नारियल जैसी फसलों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है. द वायर के पास...

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