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आदिवासियों के लिए नए खतरे-- के सी त्यागी

निजी क्षेत्र के उद्योगों को वन भूमि आवंटित करने वाले सरकार के हालिया फैसले ने एक बार फिर आदिवासियों को चिंतित किया है। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसले से निजी कंपनियों को पेड़ों की कटाई की आजादी होगी। यह विधेयक संसद के आगामी सत्र में पेश किया जा सकता है, लेकिन साफ है कि इस दिशा में किसी भी तरह का संशोधन वन अधिकार अधिनियम को...

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मातृत्व अवकाश पर चर्चा जरूरी-- अंजलि सिन्हा

अमेरिकी मूल की बहुद्देशीय कंपनी याहू की सीइओ मारिसा मायेर आगामी दिसंबर में अपनी जुड़वा बेटियों को जन्म देनेवाली हैं. अभी वह अपनी कंपनी के काम में जितनी व्यस्त हैं, उसकी उन्हें खूब प्रशंसा मिल रही है. जिस समय मारिसा ने याहू की नौकरी ज्वॉइन की थी, तब भी वह गर्भवती थीं और नौकरी के दौरान ही उन्होंने अपने पहले बेटे काे जन्म दिया था. अपने इंटरव्यू में उन्होंने यह...

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यूपीए-2 बनाम एनडीए-- सेहत पर किसका खर्च ज्यादा?

क्या यूपीए-2 के शासन के पहले साल के मुकाबले एनडीए की सरकार ने शासन के अपने पहले साल में स्वास्थ्य के मद में कम खर्च किया ?   हाल ही में जारी नेशनल हैल्थ प्रोफाइल 2015 के तथ्य ऐसा ही संकेत कर रहे हैं. साल 2009-10 में स्वास्थ्य के मद में खर्च होने वाले हर सौ रुपये में केंद्र सरकार ने 36 रुपये का खर्च किया और राज्य सरकारों ने 64 रुपये...

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तरक्की तो अपने दम पर ही होगी- यशवंत सिन्हा

स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक समय ऐसा भी था, जब सोवियत संघ के साथ भारत की प्रगाढ़ मैत्री तथा देश में वामपंथियों के बोलबाले के चलते सोवियत संघ के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहना घोर अपराध माना जाता था। मैं संसद में 1988 में आया और मुझे आश्चर्य हुआ जब संसद में भी सोवियत संघ के खिलाफ बोलने पर वामपंथी सदस्यों तथा अन्य दलों के उनके समान...

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बोले राजन, महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य पर की ब्याज दरो में कटौती

अल्पकालिक नीतिगत दरों में आधी फीसदी की अप्रत्याशित कटौती कर सभी को आश्चर्यचकित करने वाले रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि दीर्घकाल तक महंगाई को काबू में रखने के लक्ष्य के साथ ही अर्थव्यवस्था के लिए जो सबसे बेहतर हो सकता था किया गया है।  राजन ने एक साक्षात्कार में कहा कि अर्थव्यवस्था के लिए जो सकारात्मक हो सकता था हमने किया है। हम अभी ऐसी परिस्थितियों...

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