खगड़िया जिले में आज भी कई ऐसे गांव हैं जहां कोई सड़क नहीं है. साल के छह महीने वहां धूल उड़ती है और शेष छह महीने ये गांव पानी से डूबे रहते हैं. यहां पहुंचने के लिए पूरे साल नाव का सहारा लेना पड़ता है. सरकारी अमले में इन गांवों को कालापानी के नाम से जाना जाता है, किसी को सजा देनी हो तो इन गांवों में पोस्टिंग कर दी जाती है....
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चुटका परमाणु बिजलीघर के खिलाफ संघर्ष रंग लाया- बाबा मायाराम
मध्यप्रदेश का चुटकी जैसा दिखने वाला गांव चुटका, अब देश-दुनिया में मिसाल बन गया है। यहां के मामूली से दिखने वाले लोगों ने अपनी ताकत से सरकार को झुका दिया है। भारी जन दबाव को देखते हुए चुटका परमाणु बिजलीघर की पर्यावरण मंजूरी के लिए 24 मई को होने वाली जन सुनवाई को रद्द करना पड़ा। इसके लिए प्रशासन ने भारी खर्च करके सर्वसुविधायुक्त भव्य टेंट लगाया था लेकिन उसे उखाड़कर वापस ले जाना पड़ा। जन सुनवाई रद्द...
More »विश्वास जीते बिना हल नहीं- सुदीप श्रीवास्तव
दरभा घाटी में जिस तरह नक्सलियों ने कार्रवाई की है, उसके कई आयाम दिख रहे हैं। इससे पहले राजनेताओं पर इतने बड़े पैमाने पर नक्सलियों ने आक्रमण नहीं किया था, फिर इस घटना ने नक्सलियों की रणनीति को भी उलझा दिया है। नक्सल विरोधी आंदोलन के अगुवा रहने के कारण महेंद्र कर्मा की हत्या की वजह तो दिखती है, पर प्रत्यक्ष रूप से कोई रिश्ता नहीं होने के बाद भी नंद कुमार...
More »300 घरों की उजड़ी थीं खुशियां, अब 45 दिन बाद जले घरों में चूल्हे
ढांड. गांव पबनावा में दलितों और सवर्णो के बीच चल रहा विवाद समाप्त हो गया है। गांव में जन जीवन आम दिनों की भांति सामान्य हो गया है। दलित परिवारों के घरों में 45 दिन बाद चूल्हा जलने लग गया है। जिससे दलित परिवारों में खुशी का माहौल बना हुआ है। भरपाई देवी, संतरो, श्यामो, रीना, बोहती, मेसर ने बताया कि गांव में दलितों पर हुए हमले के...
More »उत्तर प्रदेश के इकलौते वेटलैंड में डाल्फिन के अस्तित्व को खतरा
सैफ सुल्तान, बुलंदशहर। बुलंदशहर स्थित उत्तर प्रदेश के एकमात्र वेटलैंड (रामसर साइट) के जलजीवों पर गंगा में बढ़ते प्रदूषण की वजह से खतरा मंडरा रहा है। साथ ही यहां प्रवासी पक्षियों की संख्या में भी लगातार गिरावट आ रही है। बताते चलें कि ब्रजघाट से लेकर नरोरा तक गंगा के 85 किलोमीटर इलाके वाला वेटलैंड आकार के हिसाब से देश का आठवां और उत्तर प्रदेश का इकलौता वेटलैंड (रामसर साइट)...
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