नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : देश की शिक्षा में गुणवत्ता का अभाव है। इसमें सुधार की सख्त जरूरत है। चीन, कोरिया, इंग्लैंड की तर्ज पर भारत में भी तकनीकी शिक्षा पर जोर दिया जाना चाहिए। रोजगारपरक शिक्षा मिलने से देश के युवा सही दिशा में अग्रसर हो सकेंगे। यह विचार इंडिया हैबिटेट सेंटर में नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन ने व्यक्त किए। प्रो. सेन को राष्ट्रीय शैक्षिक योजना एवं प्रशासन विश्वविद्यालय...
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सोसायटी बना कर जमीन खरीदना और बेचना बना बड़ा कारोबार!
भोपाल. गृह निर्माण के लिए सोसायटी बना कर जमीन खरीदना और बेचना सहकारिता के क्षेत्र में बड़ा कारोबार बन गया है। राजधानी सहित पूरे प्रदेश में यह धंधा जोरों पर है। भोपाल की बात करें तो यहां की कुल 1866 में से 809 सोसायटियों पर अनियमितताओं के चलते कार्रवाई की तलवार लटक रही है। सहकारिता विभाग ने कागजों पर चल रही राजधानी की 92 और सागर की 81 गृह निर्माण सोसायटियों को...
More »भारत, इंडिया या फिर हिंदुस्तान, गृह मंत्रालय को नहीं मालूम क्या है हमारे देश का नाम
मुंबई. हमारे देश का नाम क्या है, भारत, इंडिया या फिर हिंदुस्तान। देश के गृह मंत्रालय को भी इसकी जानकारी नहीं है कि आखिर हमारे देश का वास्तविक नाम क्या है। गृह मंत्रालय ने इस बात को एक सूचना के अधिकार के तहत जानकारी देते हुए स्वयं माना है। गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में यह भी कहा है कि भारतीय संविधान में किसी राष्ट्रभाषा की कोई जानकारी नहीं है, जबकि संविधान में...
More »मुद्दा: अन्ना का अनशन या संन्यासी का सत्याग्रह
दो मुहिम। मकसद एक। जनमानस को उद्वेलित करने वाला पहला आंदोलन गांधीवादी अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ चला। शांति और सादगी से ओतप्रोत इस आंदोलन में भ्रष्टाचार के खिलाफ मौन जनाक्रोश हर जगह दिखा। शासन को भी इस गंभीरता का शीघ्र ही अहसास हो चला। परिणामस्वरूप भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए जरूरी तरकीबों को ढूंढने का चरणबद्ध सिलसिला शुरू हुआ। भ्रष्टाचार के खिलाफ ही दूसरे आंदोलन का...
More »वैकल्पिक राजनीति की तलाश!- योगेन्द्र यादव
हमें राजनीति में विकल्प चाहिए, राजनीति के विकल्प चाहिए या फ़िर वैकल्पिक राजनीति चाहिए? अन्ना हजारे और बाबा रामदेव प्रकरण ने यह सवाल देश के सामने खड़ा कर दिया है. इसका उत्तर न तो रामदेव के पास था, न अन्ना हजारे के पास लगता है. इस गहरे सवाल का जवाब खुद अपने भीतर खंगालने से ही मिलेगा. यह सवाल उठता ही नहीं अगर भ्रष्टाचार के सवाल पर सरकार की साख बची होती. ईमानदार...
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