भारतीय समाज में जेल को लेकर अमूमन यही धारणा देखने को मिलेगी कि वह एक यंत्रणा-स्थल है, जहां अपराधी को उसके अपराधों के लिए तकलीफदेह तरीके से रख कर दंडित किया जाता है। इस धारणा को एकदम गलत तो नहीं कह सकते, मगर यह पूरी तरह सही भी नहीं है। निस्संदेह जेल में व्यक्ति को कठिन परिस्थितियों में ही रहना होता है, पर इसका यह अर्थ नहीं कि वह यंत्रणा-स्थल...
More »SEARCH RESULT
सोशल मीडिया की ताकत-- आकार पटेल
हमारे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की तरह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी एक बौद्धिक व्यक्ति हैं और दुनियाभर में उनका सम्मान है. इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि कुछ लोग दोनों को असफल नेता मानते हैं, या तो इस कारण कि मनमोहन सिंह के पास करिश्मा व व्यक्तिगत शक्ति नहीं है, या फिर इस वजह से कि ओबामा नस्लीय तौर पर एक अल्पसंख्यक समुदाय से...
More »ई-कचरे की अनदेखी के खतरे-- सतीश सिंह
बेकार मोबाइल, कंप्यूटर मदरबोर्ड, खराब हो चुके फ्रिज, वातानुकूलक आदि ई-कचरा की श्रेणी में आते हैं। आज की तारीख में ई-कचरा प्रबंधन केंद्रों में प्रबंधन के नाम पर ई-कचरे से कीमती धातुओं जैसे सोने, चांदी, प्लेटिनम और पैलेडियम के अंश को निकाले जाने का काम किया जा रहा है। कंप्यूटर के दूसरे हिस्सों को भी बेच दिया जाता है। हालांकि इस प्रक्रिया में जहरीली गैस निकलने की आशंका बनी रहती...
More »महाराष्ट्र के संदेश को सुनिए-- शशि शेखर
पिछले दिनों आधे से अधिक महाराष्ट्र को जातीय हिंसा की आग ने जिस तेजी से अपनी चपेट में लिया, उससे आशंकित और आतंकित होना लाजिमी है। इस दौरान उन्माद में अंधे हो रहे लोगों ने पाठशाला से घर लौट रहे मासूमों की बसों तक पर पथराव किया। भय से कंपाते बच्चों को अपने सहपाठियों के यहां शरण लेनी पड़ी। उधर, उनके मां-बाप मुंबई महानगर के मुख्तलिफ हिस्सों में बेबसी जीने...
More »अर्थव्यवस्था की गतिकी-- संदीप मानुधने
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के वर्षभर के पहले अग्रिम आकलन के मुताबिक सकल घरेलू उत्पादन (जीडीपी) की वार्षिक वृद्धि दर का आंकड़ा अनुमान से काफी कम आया है. सीएसओ का कहना है कि मौजूदा वित्त वर्ष में जीडीपी 6.5 फीसदी के दर से बढ़ेगी, जबकि रिजर्व बैंक का आकलन 6.7 फीसदी का था. यह अन्य अनुमानों से भी कम ही है. अपने-आप में जीडीपी की वृद्धि दर शायद बहुत अधिक...
More »