जनसत्ता 16 अप्रैल, 2013:नरेंद्र मोदी बार-बार प्रशासन की उस शैली की बात कहते रहे जिसे वे गुजरात-मॉडल का नाम देते हैं। क्या है यह गुजरात मॉडल? वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं और इस लंबे दौर में एकदम निर्द्वंद्व सत्ता उनके हाथ में रही है। पहले दौर में उनकी प्रशासनिक शैली की एकमात्र उपलब्धि रही कि समाज के अल्पसंख्यकों और असहमत लोगों को डरा-धमका और मार डाल कर एकदम हाशिए...
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पहले बीमार किया अब इलाज के लायक नहीं छोड़ा
अंबरीश कुमार, सोनभद्र। सोनभद्र में केंद्र सरकार का उपक्रम एनटीपीसी कांग्रेस को आम आदमी से दूर ले जा रहा है। एनटीपीसी अन्य बिजलीघरों के साथ पहले पर्यावरण को चौपट कर लोगों को बीमार बना रहा है और अब उसने स्वास्थ्य सेवा को इतना महंगा कर दिया है कि आम आदमी इलाज भी नहीं करा सकता। इसे लेकर इस अंचल में आंदोलन चल रहा है। एक फरवरी, 2013 से एनटीपीसी शक्ति नगर...
More »जान बचाने वालों को रोटी के लाले
अतुल मिश्रा, कानपुर। अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाने वाले गोताखोरों को दो वक्त की रोटी के लाले पड़ रहे हैं। उन्हें पांच माह बाद भी मानदेय नहीं मिल सका है। इन्हें गंगा में डूबने वालों को बचाने के लिये पिछले साल नवंबर माह में मानदेय दिलाने का आश्वासन दिया था। पिछले दस सालों से गंगा बैराज पर ्रगोताखोर मो.निसार, रामबाबू, जलील, फिरोज, सबीर, शमी हसन, देवेंद्र और...
More »गरीबों के हक का बंदरबांट!
आज पूरा झारखंड, इसके सभी 24 जिले, उग्रवाद की चपेट में है। राज्य के अधिकांश संसाधन और कोष विकास कार्यक्रमों की बजाय उग्रवाद से टक्कर लेने पर खर्च होते हैं। विकास थम गया है। सबसे पिछड़े राज्यों की पंक्ति में खड़ा है झारखंड। यह दशा साल दो साल में नहीं, दशकों से चली आ रही उपेक्षा का नतीजा है। समीक्षा होती है, और सभी मानते हैं कि झारखंड में सरकारी मशीनरी...
More »बच्चों की तस्करी का केंद्र बने गरीब राज्य-मनोज कुमार झा
नई दिल्ली. यूनिसेफ के अनुसार भारत में प्रत्येक वर्ष लाखों बच्चे गायब होते हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय का भी मानना है कि बड़े पैमाने पर बच्चे गायब हो रहे हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के आधार पर 2008 से लेकर अब तक 4 लाख से ज्यादा बच्चे गायब हो चुके हैं। ज्यादातर बच्चे देश के गरीब राज्यों बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश आदि से गायब होते...
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