देश के प्रमुख अंग्रेजी समाचार पत्र "द हिन्दू" ने भारत में काले धन के आंकड़े को लेकर दी गई एक खबर देकर पूरे देश को चौंका दिया है. द हिन्दू की पत्रकार पूजा महरा के हवाले से लिखी गई खबर के मुताबिक देश में काले धन की मौजूदगी और उसके आंकड़े की पड़ताल के लिए सरकार की तरफ से जांच करवाई गई थी, जिसकी खुफिया रिपोर्ट के कुछ अंशों को...
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ट्यूब की नाव पर देश का भविष्य..
लोमेश कुमार गौर, हरदा(मध्यप्रदेश)। यहां के आदिवासी ग्राम रतनपुर के बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए जिंदगी दांव पर लगाना पड़ रही है। माचक नदी में रोजाना ट्यूब की नाव के सहारे यह बच्चे अपने गांव से मगरधा स्कूल जाते हैं। इन बच्चों को ट्यूब पर सवार होते ही डर तो लगता है, लेकिन पढ़ाई के लिए बच्चे और उनके पालक जोखिम ले रहे हैं। जिला मुख्यालय से करीब 27...
More »शिक्षा निदेशक ने दी गलत रिपोर्ट, संकट में 900 स्कूल स्टूडेंट्स की पढ़ाई- विनोद मित्तल
जयपुर। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से स्कूल का दौरा कर गलत रिपोर्ट बनाने का मामला सामने आया है। गलत रिपोर्ट के कारण हरमाड़ा के राजकीय सी.से. स्कूल का संचालन एक ही पारी में करने से यहां के 900 बच्चों के सामने पढ़ाई का संकट आ खड़ा हुआ है। मामले के अनुसार यहां 6 से 12 तक कक्षाएं संचालित हैं, लेकिन निदेशक ओंकार सिंह ने अपनी रिपोर्ट में यहां...
More »जो कुछ न किया उसे प्रतिष्ठा मिली, जिसने काम किया, उसे देश निकाला : नीतीश
पटना : पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के विकास को लेकर अपने दिल की बात सामने रखी. शुक्रवार को आद्री परिसर में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि कहा कि जो कुछ न करे, उसे प्रतिष्ठा मिली और जिसने काम किया, उसे देश निकाला हुआ. लेकिन, काम होना चाहिए. मैंने कोशिश की, काम हुआ. बालिका शिक्षा, पंचायतों में महिला आरक्षण, शौचालयों का निर्माण व सशक्तीकरण की अनेक योजनाओं को...
More »गांवों के विकास में उद्योगों की साझेदारी -डॉ. अनिल प्रकाश जोशी
दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जब यूरोप की अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई, उस समय उद्योगों को मूलमंत्र मानकर विकास की रूपरेखा तैयार की गई। इसी समय दो बड़े परिवर्तन भी हुए। पहला, विकास की परिभाषा इस तरह गढ़ दी गई, जिसका सीधा-सीधा मतलब था कि उद्योग और उससे जुड़े तमाम आयामों को ही विकास मान लिया जाए। दूसरा, इसके बाद ही भोगवादी सभ्यता का चलन बढ़ा। अपने देश ने भी स्वतंत्रता के बाद...
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