नई दिल्ली। मॉनसून कमजोर पड़ने की खबरों और खाद्य पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमर कस ली है। इससे निपटने के लिए बुलाई गई बैठक में प्रधानमंत्री ने आकस्मिक योजना के क्रियान्वयन में केंद्र और राज्यों के बीच नजदीकी समन्वय पर जोर दिया है। उन्होंने राज्यों से जमाखोरी और कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने व ऐसे मामलों की जल्द...
More »SEARCH RESULT
80 हजार क्विंटल खाद्यान्न गटक गए अपात्र लोग
रायपुर(निप्र)। जिले में अब तक लगभग एक-चौथाई राशन कार्डों का सत्यापन हुआ है। खाद्य विभाग ने अपात्रों के 23 हजार से ज्यादा कार्डों को निरस्त भी कर दिया है, लेकिन यही अपात्र कार्डधारक पिछले नौ माह में सरकारी धन से खरीदे गए 80 हजार क्विंटल से अधिक खाद्यान्न गटक गए। प्रदेश के बाकी 26 जिलों का हिसाब लगाया जाए तो खाद्यान्न की मात्रा 15 लाख क्विंटल से अधिक होगी। जिला खाद्य...
More »कागजों में बना 81 लाख का डेम, कारोपानी के काले हिरण प्यासे!
पीयूष बाजपेयी, जबलपुर। आपको यदि एक लीटर पानी किसी डेम से निकालने के लिये यदि कोई 500 रुपये का इनाम दे तो आप इसे क्या कहेंगे। ये इनाम एक सामाजिक कार्यकर्ता ने देने की पेशकश की है। मामला सीधे तौर पर विश्व प्रसिद्ध डिण्डौरी के कारोपानी वाले काले हिरणों से जुड़ा हुआ है। काले हिरणों की प्यास बुझाने और उनको बचाने के लिए जो डेम तैयार किया गया उसमें पानी नहीं...
More »मोटे अनाज की खेती से बहुरे किसानों के दिन
किसानों के लिए वह स्थिति और भी कष्टदायी होती है, जब मॉनसून फेल हो जाने या कम वर्षा होने के कारण वह सही तरीके से धान की फसल की बुआई नहीं कर पाते हैं. कृषि वैज्ञानिक किसानों को हमेशा यह सलाह देते हैं कि ऐसी स्थिति में उन्हें खेती के दूसरे विकल्प को अपनाने के लिए तैयार रहना चाहिए. खेती के लिए फसल के दूसरे विकल्पों में मक्का तथा मडुवा के...
More »स्त्री सशक्तीकरण की शर्तें- विकास नारायण राय
जनसत्ता 16 जून, 2014 : बलात्कार और हत्या पर राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए बदायूं के कटरा सादतगंज गांव में पहुंचने वाले राजनीतिकों को उपेक्षा से नहीं लेना चाहिए। न इस जमात के दूर से ऊलजलूल अर्द्ध-सत्य बोलने वालों को। दरअसल, इन सतही कवायदों में स्त्री-सशक्तीकरण के पैरोकारों के लिए एक निहित संदेश है- स्त्री-विरुद्ध हिंसा के मसलों पर समग्र राजनीतिक एजेंडे की सख्त जरूरत है। मीडिया, एनजीओ और कानून...
More »