यह बात कई सर्वेक्षणों से निकलकर आ चुकी है कि हुक्म नहीं मानने वाली या आदेश को सही ढंग से नहीं समझकर उसका तुरंत पालन नहीं करने वाली पत्नी की पिटाई को समाज जायज मानता है। इन सर्वेक्षणों से कई बार आश्चर्यजनक रूप से यह साबित करने की कोशिश की गई है कि पति के हाथों पिटाई को पत्नी बुरा नहीं मानती। ऐसे में, दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ...
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एक इम्तिहान है मैगी का मामला - जगमोहन सिंह राजपूत
दो मिनट में बनकर तैयार हो जाने वाली मैगी ने सारे भारत को हिला दिया है। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि इस बार तो स्वाद पूरी तरह बेमजा हो गया। नेस्ले के नूडल्स घर-घर ही नहीं, अब तो गांवों तक अपनी पहुंच बना चुके थे। वे लोग जो चाहते हैं कि सारी दुनिया में एक भाषा, एक पहनावा, एक खाना ही चले, मैगी जैसे प्रचलन को अपनी...
More »बिरसा का अबुआ दिसुम अबुआ राज झारखंड में कब आयेगा?
नौ जून 1900 को रांची के जेल मोड़ स्थित कारागार में बिरसा मुंडा की मृत्यु हुई थी. नौ जून 2015 को उनकी 115 वीं पुण्यतिथि मनायी जा रही है. झारखंड में बिरसा मुंडा को भगवान की तरह पूजा जाता है. बिरसा के नेतृत्व में 1897 से 1900 के बीच मुंडाओं और अंग्रेज सिपाहियों के बीच युद्ध होते रहे. बिरसा और उसके चाहनेवाले लोगों ने अंग्रेजों की नाक में दम कर...
More »त्रिपुराः एक दिन के बच्चे को 4500 में बेचा- सुबीर भौमिक(बीबीसी)
भारत के त्रिपुरा में एक आदिवासी दंपति के क़थित तौर पर ग़रीबी के कारण अपने नवजात बच्चे को बेचने का मामला सामने आया है. त्रिपुरा के कोवाई सब-डिविज़न के मुंडा बस्ती गाँव के रहने वाले रंजीत तांती ने अपने चौथे बच्चे को उसके जन्म के एक दिन बाद ही मात्र 4500 रुपए में बेच दिया. रंजीत कहते हैं, "जब मेरी बीवी तीन महीने के गर्भ से थी तो हमने डॉक्टर से गर्भपात...
More »एक अनूठी विरासत का बेजा विरोध - स्वपन दासगुप्ता
अभी ज्यादा दिन नहीं हुए, जब भारत के बारे में बाकी दुनिया, विशेष रूप से पश्चिमी जगत में दो तरह की धारणाएं विद्यमान थीं। पहली धारणा यह थी कि भारत का मतलब उत्पीड़न, भुखमरी, बीमारी और बूचड़खाना है। दूसरी धारणा के रूप में भारत की छवि एक ऐसे देश की थी, जहां साधुओं, भिखारियों, सपेरों, बाघों, हाथियों और हीरे-जवाहरातों से लदे महाराजाओं की भरमार है। यही मिथकों वाला भारत था...
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