मनोज श्रीवास्तव, भिंड। देश को आजादी मिले 67 साल बीत गए, लेकिन भिंड में कई ऐसे गांव हैं, जहां अब भी पक्की सड़कें नहीं हैं। अगर इन गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाए तो उसे इलाज के लिए शहर ले जाना मुश्किल होता है। आजादी के बाद पहली बार जिले के ऐसे 56 गांवों में पक्की सड़क बनेंगी। पीएमजीएसवाय (प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना) से इन गांवों में 67.81 करोड़ रुपए...
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‘मेक इन इंडिया’ से नहीं मिला बूस्ट, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर से कर्ज की मांग हुई निगेटिव
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के पॉलिसी रिफॉर्म्स की घोषणाओं और कदमों का असर अर्थव्यवस्था पर नहीं पड़ रहा है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बैंकों की ओर से प्राथमिक सेक्टर (मैन्युफैक्चरिंग, माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज, एजूकेशन और एग्रीकल्चर सेक्टर) को दिए जाने वाले लोन में तेजी से गिरावट दर्ज की गई। खासतौर पर मीडियम इंटरप्राइजेज और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ओर से क्रेडिट डिमांड नेगटिव में...
More »विकास दर और जीवन स्तर- एम के वेणु
जग सरकार का पहला पूर्ण बजट गंभीर वैश्विक मंदी की पृष्ठभूमि में तैयार किया जा रहा है। यूरोजोन की डगमगाती अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बृहस्पतिवार को ही यूरोपीय सेंट्रल बैंक ने 13 खरब डॉलर के आपूर्ति कार्यक्रम की घोषणा की है। जापान की अर्थव्यवस्था भी लुढ़क रही है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई का योगदान करने वाली चीन की अर्थव्यवस्था भी खास्ता है। ब्रिक्स समेत तमाम उभरती अर्थव्यवस्थाएं,...
More »दो अतियों के बीच स्वास्थ्य सेवा- अतुल गवांडे
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसिन के प्रोफेसर अतुल गवांडे, जो एक सर्जन होने के साथ-साथ लेखक, विचारक और राजनीतिक विश्लेषक भी हैं, ने बीबीसी रीथ लेक्चर्स के तहत 2014 में चिकित्सा का भविष्य पर चार भाषण दिये. आज हम चौथा लेक्चर प्रकाशित कर रहे हैं, जो उन्होंने दिल्ली में दिया. इसका विषय था-‘द आइडिया ऑफ वेलबीइंग' (अच्छी सेहत की परिकल्पना). इसमें उन्होंने बताया कि एक तरफ लोगों की चिकित्सा तक...
More »विज्ञान से अछूते क्यों रहें हमारे गांव? - डॉ. अनिल प्रकाश जोशी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों गांवों की बदलती तस्वीर में वैज्ञानिकों की भूमिका पर टिप्पणी कर देश में संस्थानों के दायित्वों की तरफ अहम इशारा किया है। यह बात पूरी तरह सच है कि ये संस्थान इस देश को इंडिया बनाने में ज्यादा चिंतित रहे, न कि भारत। आज भी हमारे देश का बड़ा हिस्सा गांवों में ही बसता है। साढ़े छह लाख गांवों में देश की 70 प्रतिशत...
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