नरेन्द्र शर्मा, जयपुर : गांवों की सरकार के नाम से पहचानी जाने वाली पंचायतीराज संस्थाओं में विभिन्न प्रकार की अनियमितताओं में दागी के तौर पर 1355 सरपंच और प्रधान के नाम सामने आए हैं। इनमें से 158 को राज्य सरकार ने पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव से ठीक पहले क्लीनचिट दे दी है। प्रदेश में पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव की घोषणा सोमवार को होने की उम्मीद है। चुनाव की घोषणा से ठीक पहले इस तरह से...
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अफसर बढ़ाएं विकास की गति
पटना। मुख्य सचिव अनूप मुखर्जी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे योजनाओं की प्राथमिकता तय करें और कालबद्ध तरीके से इन्हें निपटाते हुए विकास की गति को बढ़ाएं। बचे हुए टास्क को छह माह के भीतर पूरा करें। विकास कार्यो में प्रभावकारी भूमिका अपनाएं। बुधवार को सचिवालय में मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों, प्रमंडलीय आयुक्तों व विभागीय सचिवों के साथ मैराथन बैठक की। आठ-नौ घंटे चली बैठक में विभागवार...
More »कोसी का कहर
कोसी का कहर अगस्त 2008 में बिहार के एक बड़े इलाके पर टूट पड़ा। कोसी को कभी बिहार का शोक कहा जाता था। जब यह नदी पूर्णिया जिले में बहती थी तब एक कहावत बड़ी चर्चित थी कि ‘जहर खाओ, न माहुर खाओ, मरना है तो पूर्णिया जाओ।’ इस नदी का यह स्वभाव था कि वह अपना रास्ता बदलती रहती थी। यह कब अपना रुख बदल लेगी, इसका अंदाजा लगाना...
More »नरेगा- बदले बदले से सरकार नजर आते हैं..
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पक्का भरोसा है कि नरेगा के आगे इस साल का सूखा पानी भरता नजर आएगा लेकिन जमीनी स्तर पर काम करने वाले बहुत से कार्यकर्ता नरेगा की कामयाबी को लेकर अब आशंकित हो उठे हैं, खासकर नरेगा के प्रावधानों में हालिया फेरबदल के बाद। इधर सूखे ने कुल २४६ जिलों को अपनी चपेट में ले लिया है उधर बहस इस बात पर सरगर्म हो रही है...
More »नरेगा और सोशल ऑडिट
खास बात • मनरेगा में वित्तवर्ष 2015-16 में 235.6 करोड़ व्यक्ति-दिवसों के बराबर रोजगार का सृजन हुआ है. यह पिछले पांच सालों में अधिकतम है. • वित्तवर्ष 2015-16 में कुल 5.35 करोड़ परिवारों ने मनरेगा के तहत रोजगार की मांग की लेकिन केवल 4.82 करोड़ परिवारों को ही रोजगार दिया जा सका यानी 9.9 फीसद परिवारों को मांग के बावजूद रोजगार नहीं हासिल हुआ. • वित्तवर्ष 2015-16 में मनरेगा में प्रति परिवार औसतन 49 व्यक्ति दिवसों के बराबर...
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