-न्यूजलॉन्ड्री, 30 दिसंबर को केंद्र सरकार के मंत्रियों और किसान नेताओं के बीच बात होनी थी. ठीक उसके दो दिन पहले 28 दिसंबर को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ‘फार्मर्स विथ मोदी’ हैशटैग के साथ ट्वीट करते हुए लिखा, ‘लखनऊ उत्तर प्रदेश के ‘‘राष्ट्रीय युवा वाहिनी’’ से प्राप्त नए कृषि सुधार कानूनों के समर्थन में प्राप्त पत्र.’ यह पत्र 'राष्ट्रीय युवा वाहिनी' के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष हरीश गौतम द्वारा लिखा गया...
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किसान आंदोलन का एक महीना: ‘हम अपने बच्चों को कॉरपोरेट का लेबर नहीं बनने देंगे’
-द वायर, बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों के किसान धरने पर बैठे हुए हैं. ये किसान केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं. उनकी मांग है कि इन तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने वाला एक केंद्रीकृत कानून लाया जाए. हालांकि, एक महीने के बाद भी केंद्र सरकार और किसान संगठनों के...
More »लॉकडाउन के बाद भी भुखमरी और सिकुड़ती आय के खतरे बरकरार!
11 राज्यों के 3,994 उत्तरदाताओं के बीच एक सर्वेक्षण के प्रारंभिक निष्कर्षों से पता चलता है कि अधिकांश कमजोर परिवारों और समुदायों, जैसे कि एससी, एसटी, ओबीसी, पीवीटीजी, झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वाले, दिहाड़ी मजदूर, किसान, एकल महिला परिवार, इत्यादि में लॉकडाउन से पहले उनकी आय के स्तर की तुलना में सितंबर-अक्टूबर के दौरान उनकी आय कम रही है. राइट टू फूड कैंपेन और सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज (टेलीफोनिक सर्वेक्षण के...
More »“कलाकारों को तय करना होगा कि वे किसान के साथ हैं या सत्ता के”, किसान आंदोलन में शामिल पंजाबी फिल्म निर्देशक जतिंदर मोहर
-कारवां, जारी किसान आंदोलन में पंजाब के कलाकार भी बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. यह अभूतपूर्व है क्योंकि आमतौर पर भारत में फिल्मी कलाकार, कुछेक अपवाद को छोड़ कर, अमूमन राजनीतिक स्टैंड लेने से बचते है, तब भी जब देश की राजनीति उन्हें सीधे प्रभावित करती है. हाल में हिंदी फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद कुछ विशेष कलाकारों पर दक्षिणपंथियों के हमले के समय भी देखा...
More »किसान आंदोलन 2020 : किसान नेताओं के लिए समझौतावादी नीति विकल्प नहीं
-कारवां, कीर्ति किसान यूनियन (केकेयू) के एक प्रमुख किसान नेता निर्भय सिंह धूडिके ने 9 दिसंबर मुझसे कहा कि “हमने उनसे कहा कि अगर आप हमें मारते हैं, तो हम बहादुर कहलाएंगे और अगर लोग हमें पीटेंगे, तो हमें देशद्रोही करार दिया जाएगा.” धूडिके ने 3 दिसंबर से दिल्ली के विज्ञान भवन में प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच कई मैराथन बैठकों में से एक में तीन केंद्रीय...
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