असली भारत गांव में बसता है। देश और दुनिया में भले ही चांद पर जाने की बात हो लेकिन गांव का महत्व आज भी कायम है। पेश है देश के 16 ऐसे अनोखे गांव की कहानी जो इस दौर में भी मिसाल बने हुए हैं। कहीं किसी एक ही गांव ने देश को दिए है 47 आईएएस अधिकारी तो कोई गांव पूरी दुनिया को साम्प्रदायिक सौहार्द का पाठ पढ़ा रहा...
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मौलिक अधिकार से वंचना क्यों?- पवन के वर्मा
मेरी दृष्टि में जान-बूझ कर बड़ी चालाकी से भारत के संविधान का उल्लंघन किया जा रहा है. संविधान सभा में लंबी बहसों के बाद हमारे राष्ट्र-निर्माताओं ने भारत को सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार देने का निर्णय किया था. इसका अर्थ यह है कि 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी भारतीय नागरिक मतदान के अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं. इसी तरह यह अधिकार भी दिया गया कि योग्य आयु का...
More »ग्रामीणों का फरमान : विधवा के हाथ से बना मिड डे मील खाने पर बैन
बरौली : गोपालगंज जिले के बरौली के कल्याणपुर राजकीय मध्य विद्यालय में एक विधवा को रसोइया नियुक्त किये जाने पर गांव के लोग खफा हैं. बच्चों के अभिभावकों ने स्कूल परिसर में बैठक की, जिसमें विधवा के आचरण पर सवाल उठाते हुए उसके बनाये हुए मिड डे मील बच्चों को खिलाने पर रोक लगा दी गयी. इतना ही नहीं, उसे हटाये जाने तक स्कूल में तालाबंदी कर दी गयी है....
More »भ्रष्टाचार के विरुद्ध सख्ती दिखाएं- शिवदान सिंह
भ्रष्टाचार निवारण कानून, 1988 के संशोधन विधेयक को सर्वसम्मति से राज्यसभा की प्रवर समिति को भेज दिया गया है। इस विधेयक के मुताबिक, रिश्वत देने वाला भी अपराधी माना जा सकता है तथा भ्रष्ट कर्मचारी की आय से अधिक अर्जित संपत्ति को विशेष जज की अनुमति से जब्त करने का प्रावधान है। कॉरपोरेट तथा व्यापारिक संस्थानों द्वारा दी गई रिश्वत को भी इसमें शामिल किया गया है। सेवानिवृत्त अधिकारी के...
More »32 गांवों के किसान सोसाइटी में नहीं बेच रहे धान
धमतरी। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के 9 दिन पूरे हो गए, लेकिन डुबान क्षेत्र के 32 गांवों के एक भी किसान ने सोसाइटियों में अपना धान नहीं बेचा है। जिससे खरीदी केन्द्रों में अब तक एक दाना भी धान नहीं पहुंचा है। जब तक डुबान संघर्ष समिति की मांगे पूरी नहीं होती, तब तक धान नहीं बेचने क्षेत्र के किसान एकजुट हैं। मांगे पूरी नहीं होती देख किसान हाइवे...
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