चुनावी बहस-मुबाहिसों में विकास की चर्चा तो खूब है, लेकिन इस विकास का आधार और देश की आबादी का सबसे बड़ा हिस्सा मजदूर कहीं प्रमुख मुद्दा नहीं है. घोषणापत्रों में श्रमिकों के मसलों को शामिल तो किया गया है, लेकिन उनके लिए कोई ठोस कार्ययोजना नहीं है. देश में मजदूर वर्ग निरंतर शोषण और दमन का शिकार बनता रहा है. ‘मई दिवस’ के मौके पर मजदूरों से जुड़े मसलों को रेखांकित...
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किसान आत्महत्या- पुरानी पहेली का नया समाधान
प्रति व्यक्ति आय, सार्वजनिक स्वास्थ्य और शिक्षा के मामले में देश का म़ॉडल राज्य कहलाने वाले केरल में पुरुषों की आत्महत्या दर विश्व में सर्वाधिक (66.3) है जबकि बीमारु राज्यों में शुमार बिहार में पुरुषों की आत्महत्या दर सबसे कम (6.3)। यह विरोधाभास क्यों ? ग्रामीण-संकट के अध्येताओं को लंबे समय से परेशान करने वाली इस पहेली का एक क्या उत्तर मिलता है प्रतिष्ठित लैंसेट जर्नल में प्रकाशित जॉनथन कनेडी और लारेंस किंग के एक अध्ययन...
More »गांव-पंचायत की उपेक्षा से कमजोर होगा लोकतंत्र
एक रिपोर्ट के अनुसार 15वीं लोकसभा में 315 सांसद ऐसे हैं जो करोड़पति हैं. जबकि 14वीं लोकसभा में ऐसे सांसदों की संख्या 156 थी. 14वीं से 15वीं लोकसभा तक आते आते ऐसे सांसदों की संख्या में करीब 102 प्रतिशत की वृद्धि हो गई. इन सांसदों में वैसी पृष्ठभूमि के सांसद गुम हो रहे हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखते थे. कॉरपोरेट क्षेत्र से जुड़े और करोड़पति सांसदों से इतर...
More »गांव-पंचायत की उपेक्षा से कमजोर होगा लोकतंत्र- प्रो बी एन पटनायक
एक रिपोर्ट के अनुसार 15वीं लोकसभा में 315 सांसद ऐसे हैं जो करोड़पति हैं. जबकि 14वीं लोकसभा में ऐसे सांसदों की संख्या 156 थी. 14वीं से 15वीं लोकसभा तक आते आते ऐसे सांसदों की संख्या में करीब 102 प्रतिशत की वृद्धि हो गई. इन सांसदों में वैसी पृष्ठभूमि के सांसद गुम हो रहे हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों से ताल्लुक रखते थे. कॉरपोरेट क्षेत्र से जुड़े और करोड़पति सांसदों से इतर ऐसी...
More »मां ने लिया समूह से ऋण, बेटी को बनाया स्वावलंबी- शिकोह अलबदर
रांची जिले के नामकुम प्रखंड से रिंग रोड पर जायें. यहां से कुछ दूरी पर एक रास्ता नचलदाग गांव की ओर मुड़ जाता है. शहर से करीब चालीस किलोमीटर दूर एक सुदूरवर्ती गांव है : नचलदाग. गांव में कुछ अद्भुत बदलाव हुए हैं. गांव की सामाजिक, आर्थिक स्थिति बदल रही है. ना सिर्फ आर्थिक और सामाजिक बदलाव यहां हुए हैं, बल्कि ग्रामीणों की जीवनशैली में आ रहे बदलाव भी प्रशंसनीय है....
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