जनसत्ता 26 अक्टुबर, 2012: भारत समेत दुनिया के सामने दो सबसे अहम समस्याएं भुखमरी और जलवायु संकट हैं। ये दोनों ऐसे मुद्दे हैं जिनसे न केवल मानवता के भविष्य बल्कि पूरे जीव-जगत और अंतत: दुनिया के अस्तित्व का प्रश्न जुड़ा हुआ है। विश्व भर में इन मुद्दों पर खासी चर्चा और चिंताएं भी हैं। लेकिन इनसे निपटने के लिए जो उपाय सामने आ रहे हैं उनमें न तो मुकम्मलपन दिखता है और...
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18 बार अल निनो ने रोका मानसून का रास्ता
नई दिल्ली [सुरेंद्र प्रसाद सिंह]। मौसम विभाग के अनुमानों को ठेंगा दिखाते आये मानसून पर इस बार फिर अल निनो का प्रकोप भारी पड़ सकता है। बड़ी परेशानी यह है कि मौसम विभाग इस बार भी अल निनो की चाल पढ़ने में जल्दबाजी दिखा रहा है। मानसून का इतिहास बता रहा है कि जब भी अल निनो का प्रभाव हुआ तो मानसून रास्ता भटक ही गया। पिछले सौ सालों में...
More »2010-11 में खाद्यान्न उत्पादन का आकलन 232.07 मिलियन टन
2010-11 के लिए फसल उत्पाद का दूसरा अग्रिम आकलन आज जारी कर दिया गया है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय सीएसओ ने 2010-11 के दौरान 232.07 मिलियन टन खाद्यान्न के उत्पादन का अनुमान लगाया है। पिछले वर्ष 218.11 मिलियन टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ था। इस वर्ष का उत्पादन 2008-09 में हुए 234.47 मिलियन टन खाद्यान्न के रिकॉर्ड उत्पादन से थोड़ा ही नीचे रहेगा। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने अनुमान लगाया है कि...
More »विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »अब खरीफ फसल का भी होगा बीमा
नालागढ़ : कृषि विभाग विकास खंड नालागढ़ के कृषि विशेषज्ञ डा. डीआर ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना को इस वर्ष से खरीफ फसल के बीमा के लिए भी भारत सरकार द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। यह योजना भारतीय कृषि बीमा कंपनी समिति के माध्यम से लागू होगी। इस बीमा योजना के अंर्तगत मक्की, धान, आलू व अदरक की फसलों...
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