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बेमानी होंगी अधिक उम्मीदें-- टीएम थॉमस आईजैक

बीते 23 सितंबर को प्रधानमंत्री द्वारा आयुष्मान भारत- प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) की शुरुआत की गयी, जिसे कई लोगों ने विश्व का सबसे बड़ा सामाजिक स्वास्थ्य कार्यक्रम बताया है. पिछली बीमा योजनाओं से प्राप्त अनुभवों एवं इस योजना को लेकर उपजे भ्रमों की वजह से अभी इससे ज्यादा उम्मीदें करना गैरजरूरी है. यह योजना इस सरकार द्वारा अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में लागू की गयी है, जब...

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भारत में 50 फीसदी बढ़ी ये दो बीमारी

नयी दिल्ली : एक वैश्विक अध्ययन में कहा गया है कि वर्ष 1990 से 2016 के बीच इस्चीमिक हृदय रोग (IHD) और मस्तिष्काघात (स्ट्रोक) का प्रसार 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है. इसकी वजह से इनसे होने वाली मौतों में दोगुनी बढ़ोतरी हुई है.   बुधवार को प्रकाशित ग्लोबल बर्डन डिजीज स्टडी 1990-2016 में पाया गया है कि भारत में मधुमेह का प्रसार इस अवधि में दोगुना से अधिक हो गया...

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झारखंड : एक डॉक्टर के भरोसे आयुष के 23 अस्पताल-- अभिषेक पीयूष

चाईबासा : झारखंड में आयुष चिकित्सा अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. स्थिति यह है कि पश्चिमी सिंहभूम जिला में एक प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के भरोसे आयुष विभाग के 23 अस्पताल चल रहे हैं. खनिज और वन संपदा से परिपूर्ण झारखंड पिछड़े जिले पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में राज्य सरकार ने आयुर्वेदिक महाविद्यालय (राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्समहाविद्यालय) खोलने का निर्णय लिया, तो लोगों में उम्मीद जगी कि वे बीमार पड़ेंगे, तो...

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सेवानिवृत्त वेटरन को मिले नौकरी- वरुण गांधी

भारत में सशस्त्र बलों के 25 लाख से अधिक वेटरंस (अनुभवी व्यक्ति) हैं, जिनमें से अधिकांश अच्छी तरह से प्रशिक्षित, प्रेरणा और उच्च कौशल से लैस नागरिक हैं, जो आगे बढ़कर राष्ट्रनिर्माण में योगदान देने को तत्पर हैं. इसमें हर साल लगभग 60,000 सैनिकों का और इजाफा हो जाता है. वेटरन में शामिल होनेवाले अधिकांश सैनिकों की उम्र 35 से 45 वर्ष के बीच होती हैं. हालांकि, इनमें से...

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झारखंड का जनजातीय समाज -- जेबी तुबिद

झारखंड का जनजातीय समाज एक स्वाभिमानी समाज है. पीढ़ियों से समाज ने अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़कर अपनी पहचान को अक्षुण्ण रखा है. प्रकृति ने उन्हें लड़ने की क्षमता दी है. साथ ही प्रकृति के साथ सामंजस्य कर जीवन बसर करने के अलौकिक गुण भी दिये हैं. सांस्कृतिक दृष्टि से समाज काफी धनी है. जनजातीय समाज अपनी दुनिया में जीता है एवं दूसरे समाज को अपने में समाविष्ट...

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